नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारत सरकार का प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिल कर 9-10 जनवरी, 2017 के दौरान विशाखापट्टनम में 20वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और उद्योग जगत एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडूय केंद्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उप-शमन मंत्री एवं सूचना और प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू पुसापति, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री, डॉक्टर जीतेंद्र सिंह, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय राज्य मंत्री पीपी चैधरी और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री वाईएस चैधरी 9 जनवरी 2017 को पूर्वाह्न 10 बजे उद्घाटन सत्र के अवसर पर उपस्थित होंगे।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचना और जनसम्पर्क, आईटी और संचार, एनआरआई अधिकारिता और सम्बंध, तेलुगु भाषा और संस्कृति, अल्प संख्यक कल्याण और अधिकारिता मंत्री पल्ले रघुनाथन रेड्डी, संसद सदस्य (राज्य सभा) डॉ टी. सुब्बारामी रेड्डी, संसद सदस्य (लोक सभा) डॉ. कम्भमपति हरी बाबू, डीएआरपीजी सचिव सी. विश्वनाथ, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव अरुणा सुंदराजन, दूरसंचार विभाग, भारत सरकार में सचिव जे. एस. दीपक, डीएआरपीजी में अपर सचिव ऊषा शर्मा और भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य / संघ शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान वर्ष 2016-17 के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं से सम्बद्ध 12 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक श्रेणी में स्वर्ण और रजत पुरस्कार शामिल होंगे। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। सम्मेलन दो दिन तक चलेगा, जिसमें चुने हुए विषयों और उप विषयों से संबंधित सत्र, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य संबंधित गतिविधियां शामिल होंगी।
उद्घाटन सत्र के बाद सम्मेलन के मुख्य विषय ‘‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’’ के बारे में सत्र का आयोजन किया जाएगा। पूर्ण सत्र के दौरान विशेष उप-विषयों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और डेटा एनेलेटिक्सः आईओटी के इस्तेमाल पर विचार-विमर्श तथा सरकारी प्रक्रियाओं के रूपांतरण में डेटा एनेलेटिक्स और सर्विस डिलीवरी पर चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त साइबर सुरक्षा नीति, अंतिम मील तक डिजिटल कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में नकदी लेन-देन और आधार के जरिये नकदी रहित भुगतान जैसे विषय भी शामिल किए जाएंगे। सम्मेलन में भारत सरकार, राज्य सरकारों, उद्योग, शैक्षिक जगत और निजी क्षेत्र से एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है।