Wednesday, November 27, 2024
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कांग्रेस ने बोला झूंठ, राहुल को करें लोकसेवक पद से मुक्त

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। राफेल विमान सौदे में केन्द्र की भाजपा सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्लीन चिट दिये जाने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बेवजह आरोपों से आहत भाजपाईयों का आज सब्र टूट गया और कांग्रेस मुखिया को घेरते हुये उनके खिलाफ कलैक्टेªट पर विरोध प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा तथा राहुल गांधी को लोक सेवक के पद से मुक्त करने की मांग की।
भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आज राहुल गांधी के विरोध में प्रदर्शन कर सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि राफेल खरीद समझौते के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने तथ्यहीन, बेबुनियाद, निराधार एवं अतार्किक प्रश्न खड़ा करके उसे दुष्प्रचारित कर देश की जनता को गुमराह करने का कार्य किया है। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में चार याचिकायें दाखिल की गयीं। इन याचिकाओं में, निर्णय प्रक्रिया, कीमत तथा ऑफसेट पार्टनर को लेकर, तीन विषय प्रमुखता से उठाये गये थे। गत 14 दिसम्बर को सर्वोच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं नियमों के अनुरूप पाया है। इस निर्णय ने यह संदेश भी दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों को सिर्फ संदेह और भ्रामक समाचारों के आधार पर न्यायालय के मंच का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
न्यायालय ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुये यह भी स्पष्ट किया कि इस समझौते पर किसी भी प्रकार का कोई संदेह करने का कोई ठोस आधार नहीं नजर आता है। न्यायलय ने साक्ष्यों के आधार पर यह भी पाया कि वायुसेना को ऐसे विमानों की जरूरत है और इस जरूरत की पूर्ति के लिये हुई इस खरीद प्रक्रिया में तय मानकों का पालन किया गया है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुये कहा कि इस प्रक्रिया को लेकर हम संतुष्ट हैं और संदेह की कोई वजह नहीं नजर आती है। हमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला है जिससे पता चले कि कोई व्यापारिक स्तर पर पक्षपात हुआ है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि समझौते पर लोगों की निजी धारणा क्या है, यह ज्यादा मायने नहीं रखता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2001 में लड़ाकू विमान खरीदने का विषय आया था। कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के इस कार्यकाल में देश की सुरक्षा से जुडे इस मामले को अधर में लटकाये रखा। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस दिशा में सकारात्मक पहल हुई तथा पारदर्शी तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा किया गया। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेना की महत्वपूर्ण जरूरत को हीला हवाली करके लटकाने वाली कांग्रेस और इसके अध्यक्ष आज इस पर बेबुनियाद दुष्प्रचार कर रहे हैं। अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह साबित हो चुका है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मामले को सिर्फ और सिर्फ अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए उठाया गया है। गम्भीरतापूर्ण और चिंता का विषय है कि एक चुने हुए जनप्रतिनिधि द्वारा देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर ऐसे विषय पर दुष्प्रचार करना गलत है जिससे देश की छवि वैश्विक पटल पर धूमिल हो सकती है।
भाजपा राष्ट्रपति से मांग करती है कि देश की सुरक्षा से खिलवाड करने तथा भारत की अन्तर्राष्ट्रीय साख से समझौता कर जनता से बोले गये इस गम्भीर झूठ के लिए उन्हें लोकसेवक के पद से मुक्त किया जाये। ज्ञापन देने वालों में तमाम भाजपाई शामिल थे।