शौचालय की गंदगी से अधिवक्ताओं में रोष, आलाधिकारियों से कैसे हुई इतनी बड़ी चूक
शिवली/कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्व्च्छता अभियान को जहां एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार करोङो रुपये खर्च कर दिन रात एक कर अभियान चला रही है वही जिले के आलाधिकारी खाना पूर्ति करते नजर आ रहे है। एक कहावत की बात कहे तो दिया तले अंधेरा की बात साबित होते देखी जा रही है। जी हाँ कानपुर देहात जिले के नवनिर्वाचित मैथा तहसील परिसर में बने शौचालय ने मैथा तहसील प्रांगण में स्वच्छता अभियान की पोल खोल कर रख दी है। वही आला अधिकारी ओडीएफ घोषित कराने में अपने आपको एक से बढ़ कर एक हिस्से में दावेदारी कर रहे है। वही मैथा तहसील में बने शौचालय की गंदगी बयां कर रही है कि दिया तले अंधेरा है। तहसील परिसर में आये दिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है वही बीते दिनों जिला तहसील दिवस का आयोजन भी हुआ जिसमें कमिश्नर, आईजी सहित जिलाधिकारी राकेश सिंह स्वयं तहसील परिसर में मौजूद रहे लेकिन किसी अधिकारी या कर्मचारी की नजरे शौचालय की ओर इनायत न हुई और तो ओर महीनों से तहसील परिसर में बने शौचालय ने स्वच्छता अभियान पर एक दाग लगा दिया है। तहसील परिसर के अधिवक्ताओं की माने तो महीनों से तहसील परिसर में बने शौचालय स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है उसमें शौच करना तो दूर उसमें अंदर जाना भी जान जोखिम में डालना है क्योंकि इतनी गन्दगी व बदबू इतनी बढ़ चुकी है कि आप तहसील परिसर में रहना गवारा नहीं करेंगे। सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्वयं तहसील के मुखिया उपजिलाधिकारी रामशिरोमणि विराजमान रहते है उसके बाद भी यह स्व्च्छता अभियान की हालत इतनी खराब कैसे हो गयी। मैथा तहसील परिसर में जनमानस, अधिवक्ताओं सहित कर्मचारी भी शौचालय के लिए दर दर भटकते नजर आते है लेकिन अधिकारियों द्वारा उदासीनता के चलते लगी गन्दगी का अंबार बना हुआ, लगता है मोदी सरकार में चलाए जा रहे स्व्च्छता अभियान सिर्फ एक दिखावा साबित हो रहा है। जहां तहसील परिसर अपने आप में खुद एक अहम जगह मानी जाती है उसके बाद भी स्व्च्छता अभियान के तहत इतनी बड़ी चूक कैसे की जा रही है। जनपद कानपुर देहात में आये दिन स्व्च्छता अभियान की मीटिंग कर जिला अधिकारी राकेश सिंह ने उपजिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को निर्देश देते नजर आते है। उसके बाद भी स्व्च्छता की पोल खुद मैथा तहसील परिसर में देखने को मिली है वही मैथा लायर्स एशोसिएशन के मैथा तहसील अध्यक्ष सुधीर सिंह भदौरिया ने बताया कि उपजिलाधिकारी को इस शौचालय की समस्या को कई बार अवगत करा चुके है उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। मैथा तहसील अधिवक्ताओं, कर्मचारियों सहित आने वाले फरियादियों में भी गन्दगी के प्रति रोष व्याप्त है जल्द ही शौचालय की साफ सफाई नहीं की गई तो उच्च अधिकारियों को मामले को अवगत कराया जाएगा। वही आमजनमानस ने तहसील परिसर में बने शौचालय की गंदगी देख सरकार को ताने मारते नजर आते है, उनका कहना है कि जो अपने घर को न साफ कर सके वह देश को क्या साफ करेगा। जी हां आपको बता दे कि बुजुर्गों की कहावत दिया तले अंधेरा यह मैथा तहसील परिसर में बने शौचालय पर सटीक तौर पर नजर आ रही है। हमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार ने उपजिलाधिकारी रामशिरोमणि से इस विषय पर बात की तो उन्होंने वही रटा रटाया बयान देते हुए कहा कि शौचालय की गंदगी की जानकारी मिली है उसको तत्काल ही सफाई करने के निर्देश दे दिया गया है।