नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कार-निकोबार का दौरा किया। उन्होंने सुनामी स्मारक पर माल्यार्पण किया तथा वॉल ऑफ लॉस्ट सोल्स पर मोमबत्ती जलाई। उन्होंने जनजातीय प्रमुखों तथा द्वीप समूह के विख्यात खिलाडि़यों के साथ बातचीत की। एक सार्वजनिक बैठक के दौरान उन्होंने अरोंग में आईटीआई तथा एक आधुनिक क्रीड़ा परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने मस जट्टी के निकट तट सुरक्षा तथा कैंपबेल खाड़ी जट्टी के विस्तार कार्य का शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने द्वीप समूह की भव्य प्राकृतिक सुन्दरता, संस्कृति, परम्परा एवं कलाओं की चर्चा की। द्वीप समूहों की पारिवारिक और सामूहिक परम्पराओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की लम्बे समय से यही ताकत रही है।
प्रधानमंत्री ने इस समारोह में पहुंचने से ठीक पहले सुनामी स्मारक वॉल ऑफ लॉस्ट सोल्स की अपनी यात्रा की चर्चा की। उन्होंने निकोबार द्वीप समूह के लोगों की भावना एवं सुनामी के बाद द्वीप समूह के निर्माण में उनकी कड़ी मेहनत की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का अनावरण हुआ है। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कौशल विकास, परिवहन, बिजली, खेल एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रधानमंत्री ने विकास की दिशा में की जा रही इस यात्रा में किसी को भी या देश के किसी हिस्से को पीछे न छोड़ने के अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य दूरियों को कम करना और दिलों में घनिष्ठता की भावना का विकास करना है।
उन्होंने कहा कि समुद्री दीवार के तैयार हो जाने के बाद यह कार.निकोबार द्वीप की सुरक्षा में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई द्वीप समूह के युवाओं को कौशल के साथ अधिकार संपन्न बनाने में मदद करेगी। निकोबार द्वीप समूह के युवाओं की खेल प्रतिभा के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक क्रीड़ा परिसर उनके कौशल को परिमार्जित करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में और अधिक खेल अवसंरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लोगों के जीवन की सरलता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास पर्यावरण एवं स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करते हुए विकास कार्य आरंभ करने का है। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए कोपरा के समर्थन मूल्य में वृद्धि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सरकार मछली पालन उद्योग से जुड़े लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में मछली पालन क्षेत्र को अधिक लाभप्रद बनाने के लिए हाल ही में 7,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि समुद्र के समीप के क्षेत्र हमारी नीली क्रांति के केन्द्र बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री शैवाल कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है और आधुनिक नौकाओं की खरीद के लिए मछुआरों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत सौर ऊर्जा को उपयोग में लाने के लिए सतत प्रयास कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि समुद्र से सटे क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा सृजन की बेशुमार संभावना है। उन्होंने इस दिशा में कार निकोबार में किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि निकोबार द्वीप समूह और समीप के मल्लका जलडमरूमध्य का यह पूरा क्षेत्र संसाधनों एवं सुरक्षा दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए उपयुक्त माल परिवहन अवसंरचना का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कैंपबेल खाड़ी जट्टी एवं मस जट्टी के लिए किए जा रहे विकास कार्य की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने द्वीप समूह के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
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