फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। जब मुजफ्फर नगर में दंगे हो रहे थे तब छवि की याद नहीं आ रही थी जब खाकी के सिपाही गोली का शिकार हो रहे थे तब कुछ याद नहीं आ रहा था इन छह महीनों में ही क्यों सपा को अपनी छवि की याद आ रही है। मुलायम सिंह ने किसी को नहीं बख्शा, किसी के वायदे पूरे नहीं किये, लेकिन आज जो उनके साथ उनके बेटे ने किया है वह गलत है, उससे जनता ही नहीं वे भी सिम्पेथी रखते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में किसी की भी पूर्ण रूप से स्पष्ट सरकार नहीं बनेगी। ये वक्तव्य पूर्व मंत्री अशोक यादव ने नगर के मोनार्क होटल में आयोजित वार्ता के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में आज जो भी लड़ाई चल रही है वह 1200 करोड़ की लड़ाई है। चीफ मिनिस्टर को 12 सौ करोड़ रूपये मिले हैं कई योजनाओं में, जिनको लेकर पारिवारिक झगड़ा इस हद तक पहुंच चुका है कि एक बेटा अपने बाप को पार्टी से निकाल रहा है, औरंगजेब का कार्य कर रहा है। आगे कहा कि मुलायम सिंह शिकोहाबाद के गांव इटौली के रहने वाले हैं और अहीर काॅलेज में वे पढ़े। इस अहीर काॅलेज में मुख्यमंत्री आये थे तो इस स्कूल के परिवारों में उन किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, जिनका योगदान रहा, जिनकी वजह से स्कूल चल रहा है। इस स्कूल के लिये महज बीस लाख खर्च किये गये, जबकि सैफई में चैधरी चरण सिंह के नाम से जो काॅलेज खोला गया उसको सौ करोड़ दिये गये, अब सोचिये कहां बीस लाख और कहां सौ करोड़। उन्होंने पार्टी टूटने की वजह बताते हुये कहा कि एक ही परिवार के जब 63 लोग बिना मेरिट के होंगे तो क्या। परिवारवाद को मुलायम सिंह ने ही जन्म दिया है। गुंडागर्दी को भी उन्होंने ही जन्म दिया। फिर भी वर्तमान में जो उनके साथ हो रहा है, उसके लिये जनता के साथ खुद उनकी हमदर्दी भी उनके साथ है। सपा पार्टी नहीं पप्पू का ढावा बन गयी है। नोटबंदी पर बोले अब तक किसी को नोटबंदी से कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ज्यादा हुआ है। इस बार यूपी चुनाव में किसी भी एक दल की सरकार नहीं बनेगी, कोई भी दो दल मिलकर सरकार बनायेंगे। आगे कहा कि जो दमदार प्रत्याशी होगा वही विजयी होगा, चाहें वह किसी भी दल से हो, अपने चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा उनके समर्थकों की जो राय होगी, उसके हिसाब से चुनाव लड़ेंगे अगर समर्थक निर्दलीय चाहेंगे तो वे निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं, इसका आगामी कुछ दिनों में सबको पता चल जायेगा। मीडिया पर कटाक्ष करते हुये कहा कि अमेरिका में मीडिया व एग्जिट पोल के आंकड़े फ्लाॅप होने के बाद देश भर की मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि अमेरिका में हिलेरी के जीतने की संभावना जतायी जा रही थी जबकि ट्रंप ने चुनाव जीत लिया। इसी के साथ उन्होंने जल्द ही आगे की रणनीति पर फिर मिलने के संकेत देते हुये अपनी वाणी को विराम दिया। वार्ता के दौरान उनके कई समर्थक उनके साथ रहे।