लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार व ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से राजभवन, लखनऊ में भेंट कर उन्हें अपनी पुस्तक ’16 आने, 16 लोग’ और अन्य कृतियाँ भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने श्री यादव को अपनी पुस्तक ’चरैवेति! चरैवेति!!’ भेंट करते हुए अपनी शुभकामनाएँ दी। देश-विदेश की तमाम प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले श्री यादव की अब तक सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, वहीं उनके जीवन पर भी एक पुस्तक ’बढ़ते चरण शिखर की ओर’ प्रकाशित हो चुकी है।
गौरतलब है कि श्री यादव के परिवार में तीन पीढ़ियाँ साहित्य व लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनकी पत्नी श्रीमती आकांक्षा यादव नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखती हैं तो बेटी अक्षिता (पाखी) भी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय है। अक्षिता को भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ पाने का भी गौरव प्राप्त है।
कृष्ण कुमार यादव भारतीय डाक सेवा के अत्यन्त ऊर्जस्वी और गतिमान युवा अधिकारी हैं। उच्च कोटि के चिंतक, लेखक एवं ब्लॉगर होने के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की साम्यता अद्भुत एवं विलक्षण है। आपने विभिन्न विषयों पर कुल 7 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें ’’अभिलाषा’’ (काव्य-संग्रह) ’अभिव्यक्तियों के बहाने’ व ’अनुभूतियाँ और विमर्श’ (निबंध-संग्रह), India Post : 150 glorious years, ’क्रांति-यज्ञः 1857-1947 की गाथा’, ’जंगल में क्रिकेट’ (बाल-गीत संग्रह) एवं ’16 आने 16 लोग’(निबंध-संग्रह) शामिल हैं। श्री यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर भी एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर’ (सं0 डाॅ0 दुर्गाचरण मिश्र) प्रकाशित हो चुकी है।
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