अरौल/मकनपुर (बिल्हौर), जन सामना संवाददाता। मकनपुर घोड़ा मेला के बाद अब दुधारू मवेशी मेला भी गुलजार होने लगा है। मवेशी व्यापारी नन्हें यादव का दावा है कि वह पंजाब के जालंधर व फिरोजपुर से अच्छी नस्ल की गाय लाकर मेले में करीब 25 साल से बेचते आ रहे हैं। साहिवाल नस्ल की 65 हजार कीमत की गाय रोजाना 18 से 20 लीटर तो यच.यफ.नस्ल की ₹75 हजार की गाय रोजाना 25 से 27 लीटर देती है। भैंस व्यापारी दुर्गा शंकर त्रिवेदी ने भी पंजाब से भैंसे लाकर मेले में बेचने का दावा किया। मेला कमेटी सदस्य दीपक श्रीवास्तव ने मेले में बारिश का असर बेहतर बताया। जिससे मेला परिसर से लेकर इससे जुड़ी सड़कों की पटरियों की उड़ती धूल बैठ गई। वहीं पूर्व मेला कमेटी सदस्य नंदलाल पाल नें बारिश से घोड़ा मेले में कमी बताई। बारिश के बावजूद जायरीनों की आस्था में कमी नहीं हुई। हजरत सैयद बदी उद्दीन जिंदा शाह मदार की दरगाह शरीफ में जायरीन उमड़ते नजर आए। तो वहीं क्राकरी बाजार में महिलाओं की सरगर्मी रही। जगह जगह भरा पानी परेशानी का सबब बन रहा था। जोगी सपेरे सांप दिखा कर रोजी रोटी कमा रहे थे। बच्चे ऊंट की सवारी तथा हेलीकॉप्टर झूले का आनंद उठाते नजर आये।
नाजायज वसूली
मकनपुर से रसूलाबाद हाईवे पर स्थित सुर्सी पुलिया चौराहे पर कन्नौज के जिला पंचायत के नाम पर मेला वाहनों से ₹100 प्रति वाहन से वसूला जा रहा है। जबकि रसीद केवल ₹10 की दी जा रही है जिससे मेले पर खराब असर पड़ने की शिकायत मिली है।