इन केन्द्रों में 1.3 करोड़ से भी अधिक लोगों में गैर संचारी रोगों की जांच की गई है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। आयुष्मान भारत के तहत प्रथम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल, 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित जांगला में किया गया। उसके बाद से लेकर अब तक 10,252 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चालू हो चुके हैं। आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की सर्वाधिक संख्या की दृष्टि से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल इस मामले में सबसे आगे चल रहे हैं। आंध्र प्रदेश में 1361 एचडब्ल्यूसी, तमिलनाडु में 1318, उत्तर प्रदेश में 912, कर्नाटक में 700 और केरल में 678 एचडब्ल्यूसी हैं।
इन एचडब्ल्यूसी में 30 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के 1,33,84,332 पुरुषों एवं महिलाओं में सामान्य या आम गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की जांच की गई है। एनसीडी की सार्वभौमिक जांच, हाल ही में इस दृष्टि से सामने आए पॉजिटिव मामलों और एचडब्ल्यूसी में इलाज करा रहे लोगों की ताजा स्थिति कुछ इस प्रकार से हैः
स्वास्थ्य की हालत | आम एनसीडी के लिए जांच | हाल ही में सामने आए पॉजिटिव मामले | इलाज जारी |
हाइपरटेंशन | 1,30,03,064 | 9,01,994 | 22,69,192 |
मधुमेह | 97,78,916 | 8,90,663 | 12,13,860 |
मुंह का कैंसर | 71,85,388 | 13,747* | 1495 |
स्तन कैंसर | 16,67,090 | 12,098* | 1848 |
सर्वाइकल कैंसर | 12,26,799 | 11,923* | 872 |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा (सीपीएचसी) मुहैया कराने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों’ की स्थापना के जरिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
आयुष्मान भारत में दो घटक हैं, जो एक-दूसरे के पूरक हैं। इसके प्रथम घटक के तहत मौजूदा 1,50,000 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में तब्दील किया जाएगा, ताकि उपयोगकर्ताओं को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा सके जो सार्वभौमिक एवं निःशुल्क है। इसके तहत आरोग्य (वेलनेस) के साथ-साथ विभिन्न समुदायों को कई सेवाएं उपलब्ध कराने पर भी फोकस किया जा रहा है। इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मुहैया कराई जाने वाली विभिन्न सेवाओं में मातृ एवं शिशु संबंधी स्वास्थ्य सेवाएं, संचारी एवं गैर-संचारी बीमारियों का इलाज करने वाली सेवाएं, बुजुर्गों को दी जाने वाली सेवाएं, निःशुल्क आवश्यक दवाओं एवं नैदानिक सेवाओं सहित दर्द से राहत देने वाली सेवाएं शामिल हैं।