पारिवारिक जनों ने नजर अंदाज किया तो वृद्ध पीड़ा सुनाने पुलिस के पास पहुंचा
घाटमपुर/कानपुर, शीराजी। सात जन्मों का साथ निभाने का दम भरने वाली पत्नी ने पुत्रों का सहारा मिलते ही 75 वर्षों का साथ भूलकर नाती, पौत्रों में खो गई। आज अपराहन थाने पहुंचा वृद्ध ग्रामीण पुलिस को अपनी आपबीती सुनाते सुनाते फफक-फफक कर रो पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्दे गोपालपुर के मजरा रायपुर निवासी बाबूलाल 95 वर्ष ने आज अपराहन कोतवाली पहुंचकर उप निरीक्षक सुरेश बाबू व महिला दरोगा पूजा सिंह से शिकायत की। मेरी शादी करीब 70 वर्ष पूर्व हुई थी, जिससे मेरे चार बेटे व तीन पुत्रियां हैं। जिन की शादियां हो चुकी है। मैं 20 बीघा कृषि भूमि का कास्तकार हूं। मेरी पत्नी मुझे जवानी में बहुत प्रेम करती थी। अब जब मैं बूढ़ा हो चुका हूं और मुझे अकेलापन परेशान करता है। तब मेरी पत्नी मुझे अकेला छोड़ कर नाती, पुत्रों में व्यस्त रहती है। करीब 1 माह से मैं अपने हाथों से खाना पका कर खा रहा हूं। मैं ने पत्नी से कहा है कि तुम मेरा कोई काम ना करो मेरे सामने रहा करो मैं कुछ कहता हूं तो मुझे पत्नी पुत्रों से पिटवा ती है जिससे मेरे आगे के दांत भी टूट गए हैं। पुलिस ने वृद्ध के दर्द को साझा करते हुए कहा कि पुरुष को शादी की शुरुआत व जीवन के आखिरी पड़ाव में साथी की महती जरूरत होती है। इसलिए तुम्हारी पत्नी को समझाया जाएगा।