“मिशन शक्ति” सभी को जानकारी को चुकी है इस बारे में कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हासिल हो गई है, लेकिन इस चुनावी दौर में इसे भी भुनाया जा रहा ह। “मिशन शक्ति” मोदी या कांग्रेस की सफलता नहीं है, यह भारत की सफलता है। आज भारत इस उपलब्धि के कारण एक महाशक्ति के रूप में उभरा है। किसी भी कार्य में सफलता सरलता से हासिल नहीं होती, वर्षो की मेहनत, लगन और संघर्ष के बाद जीत की ओर कदम बढ़ते है। आज हमारे वैज्ञानिक सबसे ज्यादा बधाई के हकदार है जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल करके देश का मान बढ़ाया है। ये मिशन किस समय शुरू हुआ यह महत्व की बात नहीं है बल्कि हमने एक चुनौती को पूर्ण करके सफलता हासिल की है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अहमद पटेल का बयान कि “यूपीए सरकार ने ए एस ए टी प्रोग्राम की शुरुआत की थी, जो आज सफल हुआ है। मैं भारत के वैज्ञानिकों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व को बधाई देता हूं।” यह मिशन किसी भी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ हो मगर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की 9 सालों की मेहनत रंग लाई है तो सियासी रंग में नहीं रंगना चाहिए मोदी अभी भी प्रधानमंत्री है और उनका फर्ज बनता है कि देश के वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई करें लेकिन मोदी को राष्ट्र के नाम संबोधन करने से बचना चाहिए था । देश की यह सफलता मीडिया वैसे भी बखानता पर मोदी सेना, न्यायपालिका और अब वैज्ञानिकों की सफलता भुना रहे। तो राजनीति कौन कर रहा ? इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की नाराजगी सिर्फ एक चुनावी ड्रामा भर है। प्रियंका माहेश्वरी।