चकिया/चन्दौली, दीपनारायण यादव। चकिया स्थानीय क्षेत्र के दूबेपुर गांव में बीते कई वर्षो से बन्दरों के आतंक से ग्रामीण परेशान है। बन्दरों का आतंक इस गांव में इतना बढ़ गया है कि लोग छतों पर कपड़े सुखाते है तो बैठ कर, यहां कपड़ो को फाड़ देना लेकर भाग जाना बन्दरों के लिए आम बात बन चुकी है। ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि दरवाजे पर खाने पीने के लिए लगाये गये धनिया, लहसुन, प्याज, आलू या अन्य तरह की सब्जियों को भी बन्दर नहीं छोड़ते, घरों में घुस कर रसोईघर से बने बनाये खानों को लेकर भाग जाते है। वहीं खेत में लगी धान की फसल रही हो या गेंहू की उसे भी भारी मात्रा में नुकसान पहुचाना इन बन्दरों के लिए आम बात हो गयी है। आपको बता दें की बीते वर्ष वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र में शहरों से लाकर बडे पैमाने पर बन्दरों को छोड़ा गया था जिनका आतंक तभी से सिर चढ़ कर बोल रहा है। बन्दर अब तक आधा दर्जन ग्रामीणों को काटा भी चुके है। ग्रामीणों ने वन विभाग से इसकी कई बार शिकायत भी की परन्तु वन विभाग के कानों पर जूं तक नही रेगीं । ग्रामीणों ने बन्दरों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग वन विभाग से की है।