ऊर्जा मंत्रालय के आदेश को नहीं मानते विधुत विभाग के कर्मचारी
प्रयागराज, वी डी पांडेय। योगी सरकार जहाँ एक तरफ सौभाग्य योजना के तहत हर घर तक विघुत पहुंचाने को कटिबद्ब है वही दूसरी ओर उनके मातहत धृतराष्टृ की तरह आँख बंद करके काम कर रहे है।
अभी कुछ समय पूर्व बल्लियो और पेड़ों के सहारे लटकते तारों और हर रोज गाड़ियों में फसकर टूटने से हो रही समस्याओ की खबर का संज्ञान लेते हुए ऊर्जा मंत्रालय से विघुत विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही है।
अब ग्रामीण करे तो क्या कनेक्शन न ले तो चोरी के आरोप में जेल जाये और कनेक्शन ले ले तो जलाये या न जलाये बिल का भुगतान करते रहे कनेक्शन तो दिये जा रहे है। लेकिन वहाँ पोल और तार कैसे लगेगा इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है।
ग्रामीण जनता जब त्रस्त होकर बल्लियो और पेड़ों का सहारा लेकर तार खींच कर बिजली जलाने का प्रयास किये तो राह चलती गाड़ियों की वजह से समस्या और बढ़ गयी अब ग्रामीणों के सामने एक ओर कुआ और दूसरी ओर खाई जैसी स्थिति बन गयी है।
जब ग्रामीण ने जेई, एसडीओ और एक्सईइन से बात करते है तो केवल आश्वासन ही मिला अब जिम्मेदारों से ए कौन पूछे कि क्या आश्वासन से बिजली जलेगी य घटनाएं रोकी जायेगी।
आपको बता दे कि प्रयागराज जिले का नवनिर्मित ब्लाक भगवतपुर इस दंश को झेल रहा है तो अन्य ग्रामीण बस्तियो का क्या हाल होगा इसका अंदाज महज यही से लगाया जा सकता है।
सरकार की एक अच्छी पहल को हवाहवाई साबित करने में लगे है कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी महज कागजों में दौडा रहे है सौभाग्य योजना की रफ्तार इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है। अब देखना है सरकार इन गैर जिम्मेदारों को क्या सबक सिखाती है या यू ही सब विकास की बाते मंच से ही होती रहेगी।