हाथरस, नीरज चक्रपाणि। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। यदि उनके अन्दर झूंठ, छल, कपट आ जाते हैं तो वही बच्चे आगे चलकर समाज के लिए दुखदाई बन जाते हैं। यदि बच्चे अच्छे संग में आ जायें तो समाज सुखदाई बन जाता है। संस्कारों के कारण ही संसार स्वर्ग बनता है, संस्कारों के कारण ही संसार नर्क बन जाता है। सभी का सहयोग करने से सुखमय संसार बन जायेगा। उक्त विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के आनन्दपुरी कालोनी सेवा केन्द्र की राजयोग शिक्षिका बीके शान्ता बहिन ने के.एस. इण्टर काॅलेज में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने अविनाशी आत्मा की चर्चा करते हुए बच्चों को सभी के साथ आत्मीय व्यवहार करने का आग्रह किया। हम सभी एक परमात्मा की सन्तान हैं इससे विश्व बन्धुत्व भाव जागृत होते हैं।
बीके दिनेश एवं गजेन्द्र ने जीवन में जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा प्रदान की। प्रधानाचार्य लक्ष्मीराजसिंह ने ब्रह्माकुमारीज़ संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों के अन्दर जीवन मूल्यों के साथ-साथ समाज हित में कार्य करने की ललक पैदा होती है। इस अवसर पर बीके वन्दना, काॅलेज प्रबन्धक प्रेमपाल सिंह, अध्यापक सुशील कुमार सिंह, सत्येन्द्रपाल सिंह, मनोज कुमार सिंह, कृष्णपाल सिंह, शीला देवी, हेमलता, मीनू, अर्चना, सीमा, पूजा, अमित कुमार, प्रवेश कुमार, अंकुर सिंह आदि उपस्थित थे।