चन्दौली/चकिया, दीपनारायण यादव। क्षेत्र के बरहुआं ग्राम सभा में बने पशु सेवा केन्द्र पर तैनात डाक्टर की रेगुलर उपस्थिति न होने से पशुओं को बीमार होने की स्थिती में पशु पालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बताया जाता है कि यह पशु सेवा केन्द्र कई दशकों पूर्व निर्मित हुआ था जिसमे लगभग 28 गांवों के पशुओं की बीमारी के इलाज का दायित्व था। पच्चीस वर्ष पूर्व इस केन्द्र पर डा० सभापति पाल की तैनाती हुई थी जिनकी सेवा 30 जून 2018को समाप्त हो गयी। नये चिकित्सक के रूप में इस केन्द्र पर 7 जुलाई 2018 को अब्दुल कयूम अंसारी की तैनानी हुई, जिनके जिम्में पहले से ही खखड़ा के पशु सेवा केन्द्र की जिम्मेदारी थी। जिससे उनका आना जाना इस केन्द्र पर सप्ताह में केवल दो दिन मंगलवार व शनिवार को होता है, शेष दिनों की जिम्मेदारी यहां से रिटायर्ड हो चुके डा० पाल के ही जिम्में अब भी रहती है। बताया गया कि बरसात के दिनों में पशुओं में फैलने वाली बीमारी के रोकथाम के लिए टीकाकरण गर्मी के महीने से ही शुरु कर दिया जाता है, ऐसे में यहां तैनात डाक्टर की अनुपस्थिति उन तीस गांवों के पशु पालकों के लिए बड़ी मुसीबत बनने वाली है।