चन्दौली, दीपनारायण यादव। स्थानीय क्षेत्र में नहरों की हालत कहीं भी ठीक नहीं है। धान के कटोरे के नाम से विख्यात इस जिले के चकिया तहसील की तमाम नहरों की लगभग यही स्थिती है। सिंचाई विभाग को इसकी बखूबी जानकारी है फिर भी समय रहते इन समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा है। कर्मनाशा सिस्टम से निकली भरुहियां माइनर देवतापुर गांव के पास बुरी तरह क्षतिग्रस्त है किसान किसी तरह रवि व खरीफ के फसलों की सिंचाई टूटी नहर में बालू व मिट्टी से भरे बोरे डालकर कर पाये थे। फिर भी विभाग की कुम्भकरणी नींद नहीं टूटी, अब जब की पद्रह दिनों में धान की नर्सरी डालने के लिए किसानों को पानी की आवश्यकता होगी तब या तो इस टूटी नहर से पानी की बर्बादी होगी या इसे रोकने के लिए किसान खुद नहर को बांधे। विभाग की कोई जिम्मेदारी तय नहीं होती।