Tuesday, November 26, 2024
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केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने निर्यात ऋण पर आयोजित बैठक की अध्‍यक्षता की

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। अगले पांच वर्षों में भारत से वस्‍तुओं के निर्यात को एक ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर और सेवाओं के निर्यात को भी एक ट्रिलियन डॉलर के स्‍तर पर पहुंचाने के लिए वाणिज्‍य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कम ब्‍याज दर पर ऋण उपलब्‍ध कराने की विशेष अहमियत दोहराई। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि कारोबारियों को प्रतिस्‍पर्धी दरों पर निर्यात ऋण निश्चित तौर पर मुहैया कराना बैंकों और सरकार की संयुक्‍त जिम्‍मेदारी है। वाणिज्‍य मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि पिछले कुछ वर्षों से कुल निर्यात ऋणों में कमी देखने को मिल रही है, अत: ऐसी स्थिति में तत्‍काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है। श्री पीयूष गोयल ने लिबॉर (लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट) से अधिकतम दो प्रतिशत ब्‍याज दर पर निर्यातकों को विदेशी मुद्रा में ऋण उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव रखा और भारतीय रिजर्व बैंक, ईसीजीसी एवं अन्‍य बैंकों को इस संबंध में आवश्‍यक रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि इस दर पर ऋण देना संभव हो सके।
केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज निर्यात ऋण क्षेत्र से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए आज सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के विभिन्‍न बैंकों, एक्जिम बैंक और निर्यात संगठनों के प्रतिभागियों के साथ आयोजित एक बैठक की अध्‍यक्षता की। वाणिज्‍य एवं उद्योग राज्‍य मंत्री श्री हरदीप पुरी और श्री सोम प्रकाश भी इस बैठक में उपस्थित थे।
वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने ब्‍याज सब्सिडी योजना के उपयोग के बारे में भी इन प्रतिभागियों के साथ विचार-विमर्श किया और इसके साथ ही उन्‍होंने इस तरह की सब्सिडी का अधिकतम प्रभाव सुनिश्चित करने के तरीके ढूंढने के महत्‍व पर विशेष जोर दिया। उन्‍होंने यह सुझाव दिया कि ब्‍याज सब्सिडी योजना का बेहतर उपयोग ऋण के लिए सहायक (बैकस्‍टॉप) गारंटी के रूप में किया जा सकता है, जिससे निर्यात ऋण संबंधी प्रयोजन के लिए ईसीजीसी की कवरेज बढ़ सकती है। मंत्री ने आरबीआई, एक्जिम बैंक और एसबीआई से इस मुद्दे का विस्‍तार से अध्‍ययन करने और 30 जून, 2019 को मुंबई में होने वाली इससे संबंधित अगली बैठक में इस बारे में रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने को कहा।
दिन भर चली बैठक के दौरान विभिन्‍न मुद्दों पर विस्‍तार से विचार-विमर्श किया गया, जिनमें बैंक कवरेज प्रभार, ईरान को निर्यात, प्रोसेसिंग शुल्‍क, रेहन या जमानत संबंधी आवश्‍यकताएं और ऋणों का वितरण शामिल हैं। श्री पीयूष गोयल ने संबंधित विभागों एवं प्रतिभागियों से इन सभी मुद्दों को नोट करने और समयबद्ध ढंग से इनका समाधान प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान निर्यातक संगठनों द्वारा उठाए गए विभिन्‍न मुद्दों को सुलझाया गया और इस बारे में संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) से निम्‍नलिखित मुद्दों पर 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है
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भारतीय रिजर्व बैंक से अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले बैंकों के लिए अदला-बदली हेतु अपने विदेशी मुद्रा भंडार से 25 अरब के कुल ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) पर गौर करने को कहा गया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक से निर्यात ऋणों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र से जुड़े कर्ज मानकों पर भी गौर करने को कहा गया है। संबंधित विभागों से निर्यात ऋण के लिए गोल्‍ड कार्ड योजना को बेहतर करने से संबंधित ब्‍यौरा देने और इसे रिजर्व बैंक के समक्ष पेश करने को कहा गया है। इन सभी प्रस्‍तावों पर मुंबई में 30 जून, 2019 को होने वाली बैठक में फिर से चर्चा की जाएगी और इन्‍हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
बैठक में वित्‍त मंत्रालय, आ‍र्थिक मामलों के विभाग एवं वित्‍तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधियों, वाणिज्‍य सचिव श्री अनूप वधावन, एमएसएमई सचिव डॉ. अरुण कुमार पांडा, विदेश व्‍यापार महानिदेशक श्री आलोक वर्धन चतुर्वेदी और वाणिज्‍य विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों तथा आरबीआई, भारतीय स्‍टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिन्‍द्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बारक्‍लेज बैंक, सिटी इंडिया, बैंक ऑफ अमेरिका, एक्जिम बैंक, ईसीजीसी, भारतीय बैंक संघ, फियो, ईईपीसी, जीजेईपीसी, लघु उद्योग भारती, फिक्‍की और सीआईआई के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।