नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कल नयी दिल्ली में ई-कॉमर्स तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के साथ विस्तार से चर्चा की। बैठक में भारत में विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली ई-कॉमर्स तथा आईटी क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अलावा उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन परिषद् (डीपीआईआईटी), वाणिज्य मंत्रालय तथा इलेक्ट्रानिक एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिवों और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने भी हिस्सा लिया।
यह बैठक श्री पीयूष गोयल ने एक मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचे के निर्माण के संबंध में ई-कॉमर्स तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों की चिंताओं और उनके सुझाव जानने के लिए बुलाई थी ताकि इस सुरक्षा ढांचे के माध्यम से गोपनीयता और नवाचार के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके तथा नवाचार और विश्वास पर केन्द्रित तकनीकी के क्षेत्र में विश्व पटल पर भारत की स्थिति मजबूत की जा सके।
बैठक में भाग लेने वाली सभी कंपनियों ने डेटा संग्रहण और उनकी प्रोसेसिंग के लिए आरबीआई द्वारा तय दिशा निर्देशों के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि रिजर्व बैंक उनकी चिंताओं पर जरूर गौर करेगा।
ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बैठक में वाणिज्य मंत्री के समक्ष सरकार की ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर भी चिंता व्यकत की और कहा कि यह पर्याप्त विचार विमर्श किए बिना तैयार किया गया है। वाणिज्य मंत्री ने उद्योग प्रतिनिधियों को उनकी चिंताओं पर गौर करने का आश्वासवन दिया और कहा कि वह दस दिनों के भीतर डीपीआईआईटी को अपनी चिंताओं से लिखित रूप में अवगत कराएं।
उद्योग प्रतिनिधियों ने श्री गोयल को बताया कि डेटा सुरक्षा के मामले में इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ हुयी चर्चा संतोषजनक रही लेकिन इससे संबधित विधेयक लाने में हो रही देरी से वह इसके स्वरूप को लेकर चिंतित हैं। इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश ने कंपनियों को भरोसा दिलाया कि प्रस्तावित विधेयक में उनकी सभी चिंताओं का समाधान किया जाएगा तथा उनके सभी सुझाव समाहित किए जाएंगे।
बैठक में डेटा सुरक्षा और उनकी गोपनियता के सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की गई। उद्योग प्रतिनिधियों ने श्री गोयल से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रस्तावित विधेयक में डेटा के वर्गीकरण तथा देश की सीमाओं से परे डेटा के आवागमन के तौर तरीकों के बारे में
उनकी चिंताओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
ई-कॉमर्स और टेक कंपनियों ने श्री गोयल को यह भी बताया कि हाल ही में व्यापार और डिजिटल इकोनॉमी पर जी -20 की मंत्रिस्तरीय बैठक में हुयी चर्चा सैद्धांतिक रूप से भारत के लिए काफी सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि भारत को डिजिटल व्यापार पर चर्चा में भाग लेना चाहिए लेकिन इसके साथ ही जी – 20 की चर्चाओं के दौरान देश से जुड़ी चिंताओं के मुद्दे पर भी बात की जानी चाहिए।
वाणिज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का शीर्ष संगठन-नैसकॉम भारत में उत्पाद बनाने तथा यहां अपने डेटा संग्रहित कर रखने वाली कंपनियों की चिंताओं का ख्याल रखेगा और प्रस्तावित विधेयक में ये बातें परिलक्षित होंगी। नैसकॉम की अध्यक्ष देबयानी घोष ने श्री गोयल से अनुरोध किया कि आरबीआई और सभी मंत्रालयों की डिजिटल ट्रेड से जुड़ी नीतियों में सामंजस्य होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत विश्व में डेटा संग्रहण के एक बड़े पावर हाउस के रूप में उभर रहा है और देश में डिजिटल टेक्नॉलजी के क्षेत्र में नवाचार से आर्थिक विकास की असीम संभावनाएं बन रही हैं। इससे विकसित और विकासशील और कम विकसित देशों को बड़ी छलांग लगाने का मौका मिलेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि इस बैठक में हुए विचार विमर्श से आरबीआई, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बीच डिजिटल प्रोद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल के बारे में बेहतर तालमेल बनाने में मदद मिलेगी।
बैठक में ई-कामर्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सभी प्रमुख कंपनियों के अलावा वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश, विदेश मंत्रालय , उद्योग मंत्रालय तथा डीपीआईआईटी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में विश्व व्यापार संगठन में भारत के दूत जे एस दीपक और मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजयपाल सिंह बंगा ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए भाग लिया।
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