भारत में सौर ऊर्जा तेजी से विकसित होता हुआ उद्योग है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की स्थारपित सोलर क्षमता 31 मार्च 2019 तक 28.18 गीगावाट तक पहुंच गई है। शुरू में भारत सरकार ने 2022 के लिए 20 गीगावाट का लक्ष्य रखा था, जिसे चार साल पहले ही हासिल किया गया। 2015 में, लक्ष्य को 100 गीगावाट सौर ऊर्जा तक बढ़ा दिया गया था, जिसमें 2022 तक रूफटॉप सोलर इंस्टाकलेशन से हासिल किया जाने वाला 40 गीगावाट शामिल है, जिसके लिए 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। तो इससे यह स्पतष्टश है कि सोलर अब हमारा भविष्य बनने जा रहा है और भारत में इसका उपयोग बढ़ने जा रहा है। आम आदमी के लिए सौर उर्जा कल्याणकारी है। एक रिपोर्ट बताती है कि रूफटॉप से मिलने वाली सौर ऊर्जा से 3.4 गीगावाट बिजली मिलती है, जिसमें से 70% औद्योगिक या कमर्शियल होती है। बड़े पैमाने पर ग्रिड से जुड़े सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) पहल के अलावा, भारत स्थानीय ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा विकसित कर रहा है। सोलर लालटेन और सोलर कुकर जैसे सौर उत्पादों ने ग्रामीण जरूरतों को पूरा करने में मदद की है। सौर उर्जा के क्षेत्र में जनरूफ़ ने दो साल पहले ही अपनी शुरुआत की थी, और अब भारत में आवासीय रूफटॉप इंस्टाौलेशन में जनरूफ़ सबसे आगे है। 1 लाख से अधिक खुशहाल ग्राहकों वाला जनरूफ़ भारत के घरों और छोटे व्यवसायों के लिए सबसे बड़ी सोलर रूफटॉप कंपनी है।
जनरूफ़ प्रत्येक भारतीय छत को अद्वितीय मानते हुए सुरुचिपूर्ण सोलर रूफटॉप डिजाइन तैयार करता है, जिसमें इमेज प्रोसेसिंग, वीआर और डेटा एनालिटिक्स का मिश्रण होता है। जनरूफ़ आईआईओटी-आधारित रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम भी प्रदान करता है जो सौर ऊर्जा उत्पादन के बारे में वास्तविक समय आधारित अपडेट और आजीवन ग्राहक सहायता देता है। जनरूफ़ के साथ मिलकर सोलर इंस्टारलेशन करने से आपके बिजली बिल में 100% तक की बचत हो सकती है। यह चेतन खेड़ा, रोहिन मार्कर और शशिकिरण सिंह पुरी जैसे दिल्ली के निवासियों की सच्चाई है। इन तीनों निवासियों के घर ऐसे क्षेत्र में स्थित हैं, जहां पर्याप्त बिजली की आपूर्ति है, लेकिन वे बिजली के महंगे बिलों का भुगतान कर रहे थे। जनरूफ़ ने उनको जरूरत के आधार पर अपने घरों में ग्रिड टाइड-सोलर सिस्टम स्थापित करने का सुझाव दिया। और जैसा कि हम देखते हैं, दिल्ली में गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी प्राप्त होती है, जनरूफ़ ने उन्हें बिजली के बिलों को कम करने के लिए सौर ऊर्जा में निवेश करने का सुझाव दिया, क्योंकि नेट मीटरिंग और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी सौर ऊर्जा को सबके लिए लागत-प्रभावी और सस्ता समाधान बनाती है।
रोहिन मार्कर ने दिल्ली स्थिकत अपने घर पर 5 किलोवाट जनरूफ़ सोलर सिस्टम स्थापित किया, जिससे उन्हें पर्यावरण अनुकूल होने और पैसे बचाने में मदद मिली। बिजली बिलों में पर्याप्त बचत के परिणामस्वरूप, डिस्कॉरम प्रदाता ने अपने स्वीकृत भार को 11 किलोवाट से घटाकर 7 किलोवाट तक करने की पेशकश की। चेतन खेड़ा और शशिकिरण सिंह पुरी ने भी समान अनुभव साझा किए हैं। चेतन खेड़ा ने 5 किलोवाट का सिस्टम लगाया, और शून्यु बिजली बिल प्राप्तह किया, तथा शशिकिरण सिंह पुरी के घर पर 10 किलोवाट के सिस्टम की स्थापना की गई, और उन्हेंृ अधिक बिजली बिल की समस्या को हल करने में मदद मिली। अब उनके घर में ऊर्जा की खपत का बिल निगेटिव है, जिसका अर्थ है कि वह मुख्य ग्रिड में अतिरिक्त बिजली बेचकर मासिक आय अर्जित कर रही है। जनरूफ़ ने इन दिल्ली वासियों को अविश्वसनीय ऊर्जा और लागत-प्रभावी विकल्प प्रदान किया है। इससे उनके पैसे बचते हैं और बिजली कटौती के दौरान पावर बैकअप भी मिलता है।
जनरूफ़ यह सुनिश्चित करता है कि क्लाइंट टिकेटिंग सिस्टम से ग्राहक खुश रहें। आईओटी आधारित डायग्नोस्टिक्स और मेन्टेरनेंस अलर्ट के माध्यम से ग्राहकों को सोलर ऐप से निरंतर रूफटॉप आउटपुट और वास्तविक समय आधारित बचत प्राप्ता होती है। जनरूफ़ ग्राहकों को दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में मौजूद इंस्टािलर भागीदारों के माध्यइम से सर्वोत्तम मूल्य और सही गुणवत्ता वाले विकल्प प्रदान करता है, और यह बेहद पारदर्शी तरीके से ग्राहकों की आवश्यकताओं के लिए उचित एवं उपयुक्तल समाधान को डिजाइन करता है।