नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। नीति आयोग 25 जून, 2019 को नई दिल्ली में ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ के दूसरे संस्करण की रिपोर्ट जारी करेगा। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, सदस्य डॉ. वी.के. पॉल, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के समक्ष नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार रिपोर्ट जारी करेंगे।
रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में दो वर्षों की अवधि (2016-17 और 2017-18) के दौरान राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को रेखांकित किया जाएगा। स्वास्थ्य संबंधी उपलब्धियां, प्रशासन, प्रक्रिया और नीतिगत हस्तक्षेपों के प्रभाव के संदर्भ में स्वास्थ्य पर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है। विश्व बैंक की तकनीकी सहायता तथा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है।
स्वास्थ्य आधारित सारणी का पहला संस्करणः
स्वास्थ्य आधारित सारणी का पहला संस्करण (2017 स्वास्थ्य सारणी) फरवरी, 2018 को जारी किया गया था। इस रिपोर्ट में 2014-15 (आधार वर्ष) से 2015-16 (संदर्भ वर्ष) के दौरान राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वार्षिक प्रदर्शन को मापा गया था।
बड़े राज्यों में केरल, पंजाब और तमिलनाडु समग्र प्रदर्शन के संदर्भ में सर्वश्रेष्ठ तीन राज्य थे। वार्षिक आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले तीन राज्य थे- झारखंड, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश। नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर), पांच वर्ष से कम की आयु के लिए मृत्यु दर (यू5एमआर), पूर्ण टीकाकरण कवरेज, संस्थानों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं, एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति (पीएलएचआईवी) मानदंडों के संदर्भ में झारखंड, जम्मू-कश्मीर
और उत्तर प्रदेश सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन राज्य थे।
छोटे राज्यों में समग्र प्रदर्शन मानदंड के संदर्भ में मिजोरम और मणिपुर क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहे। वार्षिक आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में मणिपुर और गोवा क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर थे। पीएलएचआईवी, प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) पंजीकरण, सामुदायिक सेवा केन्द्रों (सीएचसी), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के लिए रिपोर्ट देने जैसे मानदंडों में मणिपुर ने वार्षिक आधार पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
केन्द्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप ने समग्र प्रदर्शन और वार्षिक आधार पर बेहतर प्रदर्शन, दोनों मानदंडों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। संस्थाओं द्वारा सेवा प्रदान करना, टीबी उपचार सफलता दर और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की धनराशि को लागू करने वाली एजेंसियों तक पहुंचाने जैसे मानदंडों के संदर्भ में लक्षद्वीप ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
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