क्रासर कनिष्ठ लिपिक पैसा व सेटिंग के बल पर अपना स्थानांतरण रुकवा रहा बार-बार
कौशाम्बी, जन सामना ब्यूरो। कौशांबी जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात 2003 से लगातार मलाईदार जगह पर अपनी पोस्टिंग बार बार करवा रहा है। जबकि शासन का आदेश है कि एक जनपद में कनिष्ठ लिपिक ज्यादा से ज्यादा 7 वर्ष तक रह सकता है। लेकिन इस कनिष्ट बाबू सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए जुलाई 2018 को शासन के आदेश पर निदेशक प्रशासन ने इस लिपिक का स्थान्तरण बांदा जनपद कर दिया था। लेकिन इन्होंने अपने सेटिंग व पैसे के बलबूते पर कौशांबी में तैनात रहा इन्होंने वहां ज्वाइन भी नहीं किया कुछ माह पहले इन्होंने रुपए के बल पर निदेशक प्रशासन डॉक्टर पूजा पांडे के यहां से अपना स्थान्तरण बाँदा निरस्त करवाकर कौशांबी में फिर से करा लिया जबकि यहां पर डॉक्टर फार्मासिस्ट स्टाफ नर्स वार्ड ब्वॉय समेत तमाम कर्मचारियों को बुला बुलाकर धौस देता है कि तुम यहां इतना रुपया दे जाओ नहीं तो तुम्हारा स्थानांतरण दूर-दूर इलाके में करवा दूंगा। जबकि कई स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट ग्राम वार्ता कार्यालय आकर अपनी आपबीती सुनाई कि मेरा नाम नहीं आना चाहिए नहीं तो मुझे परेशान करेगा क्योंकि यह बाबू 2003 से मनमानी करता है और कहता है कि जिस पर मैं अडिग हो जाता हूं वह करके दिखाता हूं नाम न छापने की शर्त पर कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि यदि महीनवरी इसको नहीं पहुंचती है तो तरह-तरह के हथकंडे अपना कर परेशान करता है।
Home » मुख्य समाचार » सीएमओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक अमित वर्मा का कौशांबी से इतना लगाव क्यों ?