नेपाली साहित्य, संस्कृति, संगीत के धरोहर ’’मास्टर मित्रसेन थापा’’ नामक कृति हिंदी भाषा में एक ऐतिहासिक ग्रंथ है। सुवास दीपक द्वारा लिखित यह ग्रंथ गोरखा शिखर पुरुष – श्रृंखला की चौथी पुस्तक है। सुंदर मुखपृष्ट, बढिया क्वालिटी का कागज, स्वच्छ प्रिंटिंग के साथ करीब 242 पृष्ठ से अधिक में निर्मित, आई. एस. बी. एन. नं0 सहित ’भारत की स्वाधीनता के महायज्ञ में तन-मन-धन की आहुति देने वाले तमाम ज्ञात-अज्ञात गोरखा सपूतों को समर्पित है यह कृति’।
मास्टर मित्रसेन थापा को भारत व नेपाल सरकार ने कई प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया है। दोनों देशों ने उनकी अमूल्य साहित्यिक, कलात्मिक, संगीत आदि सेवाओं को देखते हुए डाक टिकटों पर उन्हें स्थान दिया है।
ग्रंथ-मास्टर मित्रसेन थापा में मित्रसेन जी के सम्पूर्ण जीवन चरित्र सहित हिंदी व नेपाली साहित्य, संस्कृति, संगीत, कला आदि पर भी तमाम सामग्री को स्थान दिया गया है व आजादी के समय में गोरखा समाज द्वारा जो योगदान, बलिदान दिया गया था। उस पर भी प्रमुखता से प्रकाश डाला गया है। कुल मिलाकर सुवास दीपक की यह कृति एक ऐतिहासिक संग्रहणीय कृति बन गई है। उनकी इस कृति को साहित्य, कला, संगीत, संस्कृति जगत में उचित सम्मान मिले, जिसके वे हकदार हैं।