Tuesday, November 26, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » भारत छोड़ो आन्दोलन की 77वीं वर्षगांठ पर जिले में वृक्षारोपण महाअभियान का हुआ शुभारम्भ

भारत छोड़ो आन्दोलन की 77वीं वर्षगांठ पर जिले में वृक्षारोपण महाअभियान का हुआ शुभारम्भ

सचिव नियोजन व विधायक सदर व डीएम-सीडीओ ने वृक्षारोपण का किया शुभारम्भ
जिले में रोपित किए गये 30 लाख 58 हजार पौधे, शासन सेे नामित नोडल सचिव ने लिया जायजा
सचिव नियोजन ने अकबरपुर पौधशाला का किया निरीक्षण, दिये निर्देश
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद नोडल सचिव/ नियोजन सचिव नीना शर्मा ने भारत छोड़ो आन्दोलन की 77वीं वर्षगांठ के अवसर वृृक्षारोपण महाअभियान का शुभारम्भ गांधी उपवन केन्द्रीय विद्यालय व राजकीय महाविद्यालय शहजादपुर अकबरपुर, मैथा नई तहसील व शिवली रामजानकी महाविद्यालय में दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि वृक्ष धरती मां के गहने हैं। वृक्ष नहीं होंगे तो जीवन ही संभव नहीं है। इसलिए वृृक्षों का पालन पुत्र की भांति करना चाहिए। वन विभाग जनसहयोग से यह सुनिश्चित करे कि कोई भी रोपित पौधा सुखने न पावे।
वृृक्षारोपण महाअभियान का शुभारम्भ केन्द्रीय विद्यालय नबीपुर व राजकीय महाविद्यालय शहजादपुर अकबरपुर, मैथा नई तहसील व शिवली रामजानकी महाविद्यालय में नियोजन सचिव/नोडल सचिव नीना शर्मा साथ विधायक सदर प्रतिभा शुक्ला, पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, उप जिलाधिकारी सदर आनन्द कुमार सिंह, डीएफओ डा0 ललित मोहन गिरी, केन्द्रीय विद्यालय प्राचार्य एके राय आदि ने पौधे रोपण किया। इसके साथ ही जिले में विभागवार आंवटित लक्ष्य के अनुसार सभी विभागों द्वारा वृक्षारोपण का कार्य शुरू कर दिया गया। नियोजन सचिव/नोडल सचिव नीना शर्मा ने जिला प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि जनपद कानपुर देहात को एक ही दिन में 30 लाख 58 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य के सापेक्ष पौधे लगवाए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि पौधे लगाने से ज्यादा जरूरी है पौधों की सुरक्षा जिससे वे सब जीवित रह सकें। उन्होने जनपदवासियों से अपील किया कि वे सब अपने-अपने दरवाजे पर कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं। कार्यक्रम में आए हुए बच्चों का निःशुल्क पौधे देने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि वे सब अपने घरों पर इन पौधों को जरूर लगाएं। इसके बाद कानपुर देहात वन विभाग द्वारा संचालित अकबरपुर पौधशाला जो हाईवे पर संचालित है नियोजन सचिव/जनपद नोडल सचिव नीना शर्मा द्वारा पौधशाला का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के पौधों के बारे में जानकारी हासिल की और डीएफओ को महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, वनाधिकारी, एसडीएम सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी भी पौधशाला पर मौजूद रहे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि आज प्रदूषण देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गया है जिसे सिर्फ वृृक्षारोपण से ही खत्म किया जा सकता है। उन्होने कहा कि जीवन के लिए आक्सीजन आवश्यक है इसलिए वृृक्ष लगाएं जीवन बचाएं। वृृक्षों से ही वर्षा होती है जिससे खेती होती है और जीवन यापन के लिए अन्न उत्पादित होता है।
विधायक सदर प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि आज ही के दिन अंग्रेजो के खिलाफ भारत छोड़ो आन्दोलन का शुभारम्भ हुआ था जिसकी पावन वर्षगांठ पर जिले में करीब 30 लाख 58 हजार पौधों को रोपित करने का अभियान शुरू कर प्रदूषण के खिलाफ महाअभियान का शुभारम्भ हुआ है। उन्हांेने बताया कि शहर के आसपास सड़कों के किनारे व डिवाइडर के बीच सुन्दरता बढ़ाने वाले पौधों का रोपण कराया जाएगा और उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगवाया जाएगा जिससे पूरा शहर हरा-भरा व खूबसूरत तो दिखेगा इसके साथ ही साथ प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान में मिल रही जनसभागिता से जिले की जनता व वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इस बार रोपित किए जा रहे सभी पौधों को जीवित बचाने के लिए पूरी तैयारी की गई है, जिसे अमल में लाया जाएगा। उन्होंने कहा पौधे लगाना बड़ी बात नहीं बल्कि उनका संरक्षण सबसे अहम बात है।
मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह ने कहा कि इस वर्ष कानपुर देहात जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष पौधे रोपित किये गये। उन्होने इस बार के वृक्षारोपण की सबसे अहम बात यह है कि सभी रोपित पौधों की शत-प्रतिशत जिओ टैगिंग व अभिलेखीकरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पहली बार ऐसा हो रहा है जब व्यक्तिगत लाभार्थियों को प्राथकिमता देने के साथ ही मुफ्त में पौधे दिए जा रहे हैं। डीएफओ डा0 ललित मोहन गिरी ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, उप जिलाधिकारी सदर आनन्द कुमार सिंह, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ऋषिकान्त राजवंशी, मैथा एसडीएम रामशिरोमणि, तहसीलदार, ईओ, समाजसेवी कंचन मिश्रा, माया कोरी, ग्राम प्रधान व अन्य अधिकारी, छात्र-छात्रायें, शिक्षक-शिक्षिकायें तथा ग्रामीण रहे।