नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। अगले ‘हुनर हाट’ का कल (24 अगस्त, 2019) से जयपुर में आयोजन किया जाएगा। इसमें दक्ष दस्तकारों और शिल्पकारों द्वारा हाथ से तैयार उत्पादों को देखने का अवसर मिलेगा। दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार का ये पहला हुनर हाट है। इससे पहले पिछले तीन वर्षों में एक दर्जन से अधिक ‘हुनर हाट’ के जरिये लाखों दस्तकारों और शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जा चुके हैं।
केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 24 अगस्त से 01 सितम्बर तक आयोजित किये जाने वाले ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में 25 अगस्त को करेंगे। इस अवसर पर जयपुर के सांसद श्री रामचरण वोहरा और क्षेत्रीय विधायक, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।
जयपुर में आयोजित किये जा रहे देश भर के हुनर के उस्तादों के मेले में बड़ी संख्या में महिला कारीगरों सहित देश के हर कोने से 200 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग लेंगे।
श्री नकवी ने आज कहा कि ‘हुनर हाट’ दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में एक मजबूत अभियान साबित हुआ है। पिछले लगभग 3 वर्षों में ‘हुनर हाट’ के माध्यम से 2 लाख 40 हजार से अधिक लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराये गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’, भारतीय दस्तकारों-शिल्पकारों की “स्वदेशी ताकत” की प्रामाणिक पहचान है। ‘हुनर हाट’, देश के दस्तकारों-शिल्पकारों के “सम्मान के साथ सशक्तिकरण” का विश्वसनीय ब्रांड बन गया है।
श्री नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ देश भर केदस्तकारों/शिल्पकारों को सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार देने का जरिया साबित हुआ है। हुनर हाट,प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया”, “स्टैंड अप इंडिया”, “स्टार्ट अप इंडिया” के संकल्प को साकार करने का “प्रामाणिक एवं विश्वसनीय ब्रांड” बन गया है।
जयपुर में आयोजित होने वाले ‘हुनर हाट’ में कारीगर अपने साथ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद लाएंगे जैसे असम के बेंत एवं बांस; झारखंड से सिल्क की अलग-अलग वैरायटी; भागलपुर का सिल्क एवं लिनन; लाख एवं परंपरागत गहने; पश्चिम बंगाल का कांथा; वाराणसी सिल्क; लखनवी चिकनकारी;उत्तर प्रदेश के सेरेमिक टेराकोट्टा, कांच के समान, लेदर, संगमरमर के उत्पाद; पूर्वोत्तर क्षेत्र के परंपरागत हस्तशिल्प; गुजरात का अजरख, बंधेज मड वर्क, तांबे की घंटियाँ; आंध्र प्रदेश की कलमकारी और मंगलगिरी; पटियाला की मशहूर फुलकारी और जुत्ती, कालीन एवं दरियाँ; मध्य-प्रदेश का बाटिक,बाघ प्रिंट, चंदेरी;ओडिसा का चांदी का कामतथा राजस्थान का हस्तशिल्प और हथकरघा इत्यादि।
यहाँ पर आने वाले लोग परंपरागत व्यंजनों में जैसे अवधि खाना, राजस्थानी पकवान, गुजराती थाली, महाराष्ट्र के व्यंजन, मध्य-प्रदेश का खाना, चटपटी चाट, दिल्ली का स्ट्रीट फूड, तमिल व्यंजन, पारसी खाना और विभिन्न प्रकार के सुंगधित पान, मिठाइयों और पारसी फूड का जायका ले सकेंगे।
इसके अलावा इस ‘हुनर हाट’ में मिर्ज़ा सिस्टर्स, निज़ामी ब्रदर्स, अहसान भारती, प्रेम भाटिया एवं अन्य प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रत्येक दिन प्रस्तुत किये जाने वाले पारम्परिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, कव्वाली आदि विशेष आकर्षण होगें।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा इससे पहले “हुनर हाट” इलाहाबाद, दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, बाबा खड़क सिंह मार्ग; पुडुचेरी के थीडल बीच और मुंबई में आयोजित किये गए हैं। आने वाले दिनों में ‘हुनर हाट’ का आयोजन देश के अन्य विभिन्न राज्यों में किया जायेगा।