कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश सरकार उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की है। इनमें मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजनान्तर्गत पंजीकृत महिला कर्मकारों को दो प्रसव तक 03 माह के वेतन के समतुल्य धनराशि तथा एक हजार रुपये चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को 6000 रु0 दो किश्तों में दिये जाने का प्राविधान है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक 98094 श्रमिकों को लाभान्वित किया गया। शिशु हितलाभ के अन्तर्गत दो सन्तानों हेतु लड़की के पैदा होने पर 15 हजार रु0 व लड़का होने पर 12 हजार रु0 की धनराशि प्रतिवर्ष दो वर्ष तक दी जाती है। इस योजनान्तर्गत जून, 2019 तक 161197 श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजनान्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की साधारण मृत्यु के अन्तर्गत 02 लाख रु0 की सहायता एवं दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु की दशा में 05 लाख रु0 की सहायता धनराशि एफआईएस के माध्यम से दी जाती है। कार्यस्थल पर पूर्ण स्थायी विकलांगता होने पर 03 लाख रु0 की धनराशि एवं आंशिक स्थायी विकलांगता होने पर 02 लाख रु0 की धनराशि एवं कार्यस्थल से इतर स्थायी अपंगता की स्थिति में 02 लाख रु0 की धनराशि, अस्थायी आंशिक विकलांगता की स्थिति में निर्माण श्रमिक को एकमुश्त 01 लाख रु0 की धनराशि अनुग्रह राशि के रूप में दी जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 10028 श्रमिक लाभान्वित हुए हैं। पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों की मृत्यु होने पर 25 हजार रु0 की धनराशि मृतक के आश्रितों को अन्त्येष्टि सहायता योजना के अन्तर्गत प्रदान की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 11733 लाभार्थी श्रमिक हैं। पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों के मेधावी बच्चों को कक्षा-5 से आगे की कक्षाओं को निर्धारित प्रतिशत से उत्तीर्ण करने एवं अगली कक्षा में प्रवेश लेने पर 04 हजार रु0 से 12 हजार रु0 तक की धनराशि मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के तहत प्रदान की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 67259 श्रमिकों के बच्चे लाभान्वित हुए हैं। सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना 01 मई 2017 को मजदूर दिवस के अवसर पर लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत देय हितलाभ कक्षा 1 से लेकर उच्चतर कक्षाओं तक निर्धारित दर से छात्रवृत्ति भुगतान का प्राविधान है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 31478 लाभार्थी श्रमिक हैं। पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों के यहां जन्मी पहली बालिका होने पर 25 हजार रु0 की धनराशि तथा जन्म से दिव्यांग बालिकाओं के संदर्भ में 50 हजार रु0 की धनराशि 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक सावधि जमा के रूप में निर्माण कामगार बालिका मदद योजना के अन्तर्गत की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 13753 श्रमिकों की पुत्रियों की मदद की गई। कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक के कुल 02 बालिकाओं के स्वजातीय विवाह की स्थिति में 55 हजार रु0 तथा अन्र्तजातीय प्रकरणों में 61 हजार रु0 की रकम दिये जाने का प्राविधान है। सामूहिक विवाह की स्थिति में न्यूनतम 11 जोड़ों के विवाह एक साथ एक स्थल पर आयोजित होने की दशा में प्रति जोड़ा 65 हजार रु0 की धनराशि तथा 07 हजार रु0 प्रति जोड़े की दर से आयोजन में होने वाले व्यय का भुगतान बोर्ड द्वारा किया जाता हे। उक्त के अतिरिक्त वर एवं वधू को 05 हजार रु0 प्रत्येक की दर से धनराशि विवाह से कम से कम एक सप्ताह पूर्व विवाह की पोशाक क्रय किये जाने हेतु दी जाती है। पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक के पुर्नविवाह की स्थिति में हितलाभ देय नहीं होगा। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 12353 श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह कराये गये। निर्माण कामगार गंम्भीर सहायता योजना के अन्र्तगत बोर्ड द्वारा अधिसूचित गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकार अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 86 लाभार्थी श्रमिक हैं। आवासीय विद्यालय योजना के अन्तर्गत वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपदों गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, ललितपुर, इटावा, कन्नौज, कानपुर नगर, बहराइच, भदोही, आजमगढ़, में संचालित है। प्रदेश जनपद में बालकों एवं बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक आवासीय विद्यालय कक्षा-6 से 8 तक संचालित किए जा रहे हैं। प्रत्येक पात्र निर्माण-श्रमिक जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने एवं तत्समय पूर्ववर्ती कम से कम 10 (दस) वर्षों तक लगातार ‘‘लाभार्थी’’ के रूप में सदस्य बना रहता है, को प्रतिमाह 1000 रु0 की पेंशन महात्मा गांधी पेंशन योजना के अन्तर्गत देय है, जो उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात उसकी पत्नी/पति को (जैसी भी स्थिति हो) दिए जाने का प्राविधान है। पेंशन में प्रति दो वर्ष पर 50 रु0 प्रतिमाह (अधिकतम 1250 रु0) की दर से वृद्धि करते हुए भुगतान किया जाता है। कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना के अन्तर्गत उ0प्र0 कौशल विकास मिशन के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को प्रशिक्षण दिलाया जाता है। सौर ऊर्जा सहायता योजना के तहत लाभार्थी श्रमिक को 02 सोलर लाइट (05 वाट का) एवं 01 डी0सी0 टेबुलफैन (15 वाट का) प्रदान किया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक लाभार्थी होंगे। पात्र पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को आवासीय सुविधा हेतु अनुदान निर्माण कामगार आवास सहायता योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराया जाता है। जिसके अन्तर्गत 01 लाख रु0 की धनराशि दो किश्तों में आवास निर्माण हेतु एवं मरम्मत हेतु 15000 रु0 की धनराशि एकमुश्त प्रदान की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत जून 2019 तक कुल 1958 लाभार्थी श्रमिकों को आवास उपलब्ध कराया गया।ऐसे पंजीकृत निर्माण श्रमिक जिनके अपने आवास हैं, किन्तु उनमें शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है और उसे किसी अन्य सरकारी योजना में इस प्रकार का लाभ प्राप्त न हुआ हो तो वह शौचालय सहायता योजना के तहत लाभ पाने हेतु पात्र है। शौचालय निर्माण हेतु आवेदन करने पर धनराशि 12 हजार रु0 अनुदान के रूप में 02 किश्तों में प्रदान की जाती है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय चेतना योजना के अन्तर्गत योजनाओं की जानकारी, निर्माण श्रमिकों एवं जनमानस को प्रदान करने के साथ श्रमिक पंजीयन, नवीनीकरण के सम्बंध में श्रमिकों को जागरूक किया जा रहा है।