Tuesday, November 26, 2024
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चौकी इन्चार्ज की सतर्कता से बची लावारिस बच्ची की जान

कानपुर, डॉ. दीपकुमार शुक्ल। कानपुर के नौबस्ता थाना की अर्रा चौकी क्षेत्र में पेड़ के नीचे लावारिस बच्ची पड़ी होने की सूचना पर तत्काल पहुंचें चौकी इन्चार्ज जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को फ़ौरन अस्पताल में भर्ती कराया। जिससे मासूम का जीवन बच गया। अब वह बच्ची चाइल्ड हेल्प लाइन के संरक्षण में है।
24 अक्टूबर  की सुबह कानपुर के नौबस्ता थाना की अर्रा चौकी के इन्चार्ज जीतेन्द्र प्रताप सिंह को किसी ने फोन पर सूचना दी कि कर्रही रोड पर स्थित निहारिका हॉस्पिटल के निकट पेड़ के नीचे कपड़ों में लिपटा हुआ एक मासूम पड़ा है। जितेन्द्र प्रताप सिंह बिना समय गवांये अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जब बच्चे का परीक्षण कराया तो पता चला कि वह हाल में जन्मी एक बच्ची है। चीटियों के काटने से बच्ची के शरीर तथा चेहरे पर लाल रंग के निशान पड़ गए थे। 
उन्होंने तत्काल इसकी सूचना अपने अधिकारियों के साथ-साथ चाइल्ड हेल्प लाइन को भी दी। तब तक निहारिका हॉस्पिटल में भर्ती एक महिला भी वहां पहुँच गयी। उसने बच्ची को संभालने में मदद करते हुए उसे अपनाने का प्रस्ताव भी चौकी इन्चार्ज के समक्ष रख दिया। लेकिन बच्ची के स्वास्थ्य को देखते हुए चौकी इंजार्ज ने चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम के पहुँचने से पूर्व ही बच्ची को कानपुर के के.एम.सी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया। साथ ही उक्त महिला को भी बच्ची के साथ जाने की इजाजत दे दी। उसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर हैलट अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ बच्ची की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। सुबह से अनेक दम्पति बच्ची को गोद लेने की गुहार चौकी इन्चार्ज जितेन्द्र प्रताप सिंह से लगा चुके हैं। अब देखना यह है कि उस मासूम की किलकारी आखिर किसके घर में गूंजती है। वैसे पहला अधिकार तो उस महिला का ही बनता है जिसने उस बच्ची को सँभालने में पुलिस की सहायता की थी। यह मासूम तो भाग्य की प्रबल थी जिससे समय रहते उसे पुलिस की सहायता मिली और वह समय से अस्पताल पहुँच गयी। लेकिन अनगिनत कन्याएं आये दिन अपनी माता-पिता की निर्दयता का शिकार होकर असमय काल की ग्रास बन जाती हैं तो कुछ जन्म लेने से पूर्व ही मार दी जाती हैं। निर्दयता और बेहयाई का सिलसला पता नहीं कब रुकेगा?