Sunday, November 24, 2024
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बुराईयों का त्याग और आत्म जागरण का पर्व है महाशिवरात्रि

अलौकिक आध्यात्मिक कार्यक्रम में बताया गया महाशिवरात्रि का महात्म्य
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। अवसर था परमपिता परमात्मा शिव के अवतरण के महापर्व महाशिवरात्रि का जहाँ एक ओर बम भोले बम भोले की आवाज करते निकलते हुए कांवड़िये वहीं दूसरी ओर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के श्वेतवस्तधारी ब्रह्मावत्सों के ज्ञानयुक्त नारे, बैनर, झंडे और झंडियों, चैतन्य झाँकियों से सजी शिवदर्शन आध्यात्मिक शोभायात्रा तथा दस फुट के ज्योर्तिलिंगम के साथ शिव भक्ति और ज्ञान का सड़कों पर उतरा हुआ काफिला लोगों का ध्यान सहज ही अपनी ओर आकर्षित करके वातावरण को शिवमय बना रहा था। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ मार्ग, आनन्दपुरी कालोनी स्थित सहज राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा महाशिवरात्रि के पावन पर्व को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके धूमधाम से मनाया गया। प्रातःकाल सहज ज्ञान और राजयोग के अभ्यास के बाद श्वेतवस्त्रधारी ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारियों की एक शोभायात्रा आनन्दपुरी कालोनी से अलीगढ़-आगरा राजमार्ग ढोल, सवारी, और पदसंचालन के साथ आरम्भ होकर इन्दिरा नगर, चमन विहार, बसन्त व्यू, लेवर कालोनी से मंुशी गजाधर मार्ग होते हुए जय पैलेस पर सम्पन्न हुई। जनपद की विभिन्न ब्रह्माकुमारीज़ गीतापाठशालों से पधारे ब्रह्मावत्स शोभयात्रा में शामिल हुए। आनन्दुपरी, इन्दिरानगर, विनोद विहार, बसन्त व्यू,, लेबर कालोनी, जय पैलेस आदि विभिन्न स्थानों पर शिव शोभयात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा और शिवध्वजारोहण के पश्चात् बाल-गोपालों द्वारा भावनृत्य प्रस्तुत करके विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये गयेा। कान्हा ने मारी मिस काॅल गीत पर प्रिन्स और तनु ने जोरदार प्रस्तुति दी। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह, बीके. शान्ता बहिन तथा आमंत्रित कविगणों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कवि दरबार के कवियों प्रदीप पंडित ने ‘‘जीवन को कमल पुष्प जैसा ही बनाइये’’, आशु कवि अनिल बौहरे ने ‘‘अनजान लाश को तो सिर झुकाते हैं लोग, जान पहचान की लाश से नजरें चुराते हैं लोग’’, बाबा देवी सिंह निडर ने ‘‘आदि वासियों ने स्थपित कराये हैं’’ के माध्यम से द्वादश ज्योतिर्लिंगम की महिमा वर्णन की, भोजराज सिंह भोज ने ‘‘ महाशिवरात्रि मनायें ऐसे’’ तथा राजभजन लाल ने ‘‘ऐ दोस्तों सुनो मेरा भारत महान है’’, चाँद मुहम्मद ने ‘‘अंधेरा ही अंधेरा है’’, दीपक रफी ने ‘‘अन्तर्मन में ज्योति जगा लो’’ प्रस्तुत करके उपस्थित जनों की वाहवाही लूटी। शिवरात्रि पर्व के महत्व को स्पष्ट करते हुए बी.के. शान्ता बहिन ने कहा कि अब तक जिन्हें पुकार रहे थे अब वही निराकार शिव परमात्मा कल्पान्त के समय स्वयं प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से दैवीय सृष्टि की पुनःस्थापना का कर्तव्य करा रहे हैं। द्वार पर भगवान आये हुए हैं हमारी बुराईयों रूपी विष को लेकर ज्ञान अमृत पिलाने के लिए इसलिए ज्ञान की सच्ची-सच्ची कांवर रूपी दृढ़ संकल्प रूपी जल से शिव का अभिषेक करने से सद्ज्ञान रूपी अमृत की प्राप्ति हो जायेगी। अपने अतिथि सम्बोधन में जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कहा कि यह तो हर धर्म में काॅमन है कि सभी अपने इष्ट भगवान, परमात्मा को अविनाशी बताते हैं लेकिन यह प्रजपिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में ही कहा जाता है कि परमात्मा शिव का अवतरण कलियुग के इस अन्तिम समय में होता है। जिसे परमात्मा का सानिध्य मिल जाता है वह सदा खुश हो जाता है। कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्यजनों सहित जनपद की विभिन्न ब्रह्माकुमारीज़ गीतापाठशालों से पधारे ब्रह्मावत्स उपस्थित थे। अन्त में आनन्दपुरी केन्द्र संचालिका बी.के. शान्ता बहिन ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए आभार व्यक्त किया।