नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज महाराष्ट्र से आए छात्रों के एक समूह से मुलाकात की। ये छात्र एमईएस आबासाहेब गरवारे कॉलेज पुणे से हैं और जनसंचार तथा पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र स्टडी टूर पर दिल्ली आए हुए हैं। दिल्ली आने से पहले छात्रों ने पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों का भी भ्रमण किया।
छात्रों के साथ बातचीत के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें समाज के लिए एक राय निर्माता के रूप में कार्य करना चाहिए तथा एक सकारात्मक रवैये के साथ विकास के अधिकतर मुद्दों को उजागर करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से जम्मू -कश्मीर, विमुद्रीकरण, जीएसटी और पूर्वोत्तर सहित अन्य उभरते मुद्दों पर बातचीत की।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 2015 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गैर राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त करने की घोषणा की गई जिसे 01 जनवरी, 2016 से लागू किया गया। उन्होंने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आप उस महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं जो इस निर्णय को लागू करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि इस निर्णय से राज्य के पैसों की बचत हुई है। उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्हें यह निर्णय लागू करना है। मंत्री महोदय ने इन राज्यों को इन निर्णय को लागू करने के लिए पत्र लिखा है।
छात्रों के साथ संवाद करते हुए जितेन्द्र सिंह ने कहा कि दर्शकोंध् पाठकों और मीडिया की प्राथमिकताओं में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। मीडिया का ध्यान अब मेट्रो शहरों से हट कर दूरदराज के क्षेत्रों, जैसे पूर्वोत्तर की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाल में लिए गए विमुद्रीकरण के निर्णय से सकारात्मक परिणाम मिले हैं और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में 60 फीसदी की गिरावट तथा हवाला के कारोबार में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने छात्रों को अपने पेशे के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने को कहा और उन्हें भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।