Sunday, November 24, 2024
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खाद्य सामग्री के तैयार करने में गुणवत्ता, शुद्धता का विशेष रखें ध्यान

2017.03.02 05 ravijansaamnaलजीज व आकर्षक व्यंजनों की वैराइटी के कारण आम ग्राहक को होटल, रेस्टोरेण्ट व ढाबा की तरफ हो रहा हैं आकर्षित
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। मनुष्य के जीवन में फास्ट फूड यानि जल्द तैयार होने वाला भोजन/नास्ते का विशेष महत्व है। समय का आभाव व व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी भोजन/फास्टफूड आज की जरूरत हो गयी है। उपभोक्ता/ग्राहक की सुधाशांत व संतुष्टी के लिए इस दिशा में होटल, रेस्टोरेन्ट, ढाबा एवं फास्ट फूड कार्नर, रेस्टोरेंट आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है साथ ही इस क्षेत्र में विकास की असीम सम्भावनाएं भी बड़ी हैं। आज की व्यस्ततम् जिन्दगी में नौकरी पेशा लोग सुबह की आपाधापी में नास्ता या खाना बनाकर आर्डर करके मंगाना ज्यादा पसन्द करते हैं। इसका एक कारण होटल, रेस्टोरेन्ट व ढाबों द्वारा दी जा रही लजीज व आकर्षक व्यंजनों की वैराइटी हैं। होटल, रेस्टोरेन्ट व ढाबा संचालकों को चाहिए कि किस प्रकार जल्द खाद्य सामग्री तैयार की जाए व उसकी गुणवत्ता व पोषकता भी बनी रहे। शासन की कई संस्थाओं द्वारा भी समय-समय पर होटल, रेस्टोरेण्ट व ढाबा मालिकों को प्रशिक्षण आदि देकर उनकी गुणवत्ता में निखार का काम भी किया जाता है। कानपुर-औरेया व इटावा हाईवे मार्ग कानपुर देहात में मारूती शो रूम केटीएल के सामने शिव होटल एण्ड रेस्टोरेण्ट के शुभारम्भ के अवसर पर यह उद्गार सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार द्वारा फीता काटकर व दीप प्रज्जवलित कर व्यक्त किया। शुभारंभ के अवसर पर रामकेश तिवारी द्वारा शंख भी बजाया गया। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में किसी प्रकार की मिलावट न हो तथा जब भी उपभोक्ता को खाना परोसा जाये तरो व ताजगी बनी रहें। खाद्य पदार्थों के खराब होने के कारण खाद्य संरक्षण का महत्व को भी होटल के मालिक व स्टाफ भली भांति जाने तथा उपभोक्ता को बेहतर सेवा मुहैया करायें। पाक कला की परिभाषा एवं उद्देश्य, कच्चे माल का वर्गीकरण, साॅस, स्टाॅक, सप, चायनीज पाक कला के सिद्धान्त, मैन्यू प्लानिंग, स्नैक्स, कोन्टिनेन्टल क्यूजीन, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र हेतुढाबा/फास्ट फूड रेस्टोरेन्ट आदि द्वारा ग्राहकों को परोसने वाले खाद्य सामग्री अद्यतन रहे। सुरक्षित पदार्थों में हवा के अन्दर चले जाने के कारण पदार्थ कुछ समय के बाद खराब हो जाते हैं इस पर निरन्तर अनुसंधान भी होते रहे हैं वर्ष 1807 ई0 में साडिंग्टन नामक वैज्ञानिक के फू्रट कैनिंग की ओर ध्यान देकर संरक्षण के नए-नए साधन निर्मित किए। 1810 ई0 में पीटर ड्योरेण्ड नामक इंग्लैण्ड के वैज्ञानिक ने फल और सब्जी के अतिरिक्त मीट को भी टीन के डिब्बे में संरक्षित करने की विधि का भी अविष्कार किया। फल और सब्जियों के डिब्बे में बन्द करने के बाद बाहर की हवा नहीं लगनी चाहिए क्योंकि फल सब्जियों को बाहर की हवा खराब कर देती है। इस मौके पर केटीएल के दुष्यंत सिंह ने शिव होटल एण्ड रेस्टोरेण्ट के समुचित स्टाफ को शुभकामनायें दी और कहा कि खाद्य पदार्थो में गुणवत्ता व सेवा का विशेष ध्यान रखे। उन्होंने कहा कि केटीएल व उसके इर्दगिर्द में आने वाले ग्राहकों व स्टाफ को निकट कोई होटल या रेस्टोरेण्ट न होने से दिक्कत होती थी इससे आम ग्राहकों को भी फायदा होगा। होटल के मालिक पंकज सेठ और आरके ओझा ने आये हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया और कहा कि खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता व सेवाभाव में किसी भी प्रकार की कमी नही आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जनता चाय को सस्ता व सुलभ गुणवत्ता युक्त ग्राहकों को परोसी जायेगी साथ ही किसी भी ग्राहक को बिना पानी पिये नही जाने दिया जायेगा। इस मौके पर कुंवर सिंह रहमान, आशुतोष शर्मा, सत्येन्द्र कुमार, अमित, नीरज, अमर पाल आदि सहित बड़ी संख्या में होटल ओपनिंग के अवसर पर ग्राहक भी उपस्थित थे।