हाथरस/सासनी। मां दुर्गा, काली, सरस्वती, जिस नाम से पुकारो उसी रुप में आकर भक्तों के कष्टों का निवारण कर उनके भंडार भरती है। इसके लिए मनुष्य को आशावादी नहीं होना चाहिए बल्कि मां पर पूरा भरोसा रखना चाहिए और उसकी शरण में ध्यान लगाकर ही सच्ची भक्ति प्राप्त की जा सकती है। शास्त्रों में कहा भी गया है कि जो मां आदि शक्ति की शरण में आ जाते हैं। जिन्हें मां की कृपा प्राप्त हो जाती है। वह दूसरों को कृपा देने वाले हो जाते हैं। उन्हें किसी भी क्षेत्र में कोई भय नहीं सताता।यह उद्गार गांव नया नगला में मां काली मेला महोत्सव के दौरान मुख्यातिथि के रुप में मौजूद समाजवादी पार्टी विधान सभा प्रत्याशी मूलचंद निम ने फीता काटकर तथा मां काली का पूजन करते वक्त व्यक्त किए। गांव में काली मेला कई वर्षों से निकाला जा रहा है। इस बार भी भव्य झांकियों के साथ मां काली मेला निकाला गया जिसमें विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमाओं को सजाकर झांकियां निकाली गई। मां काली का रुप स्वराज सिंह ने लिया तो तलवारवाजी दिखाने के लिए मां के साथ खरदूषण रनवीर तथा बच्चू सिंह रहे। मां को रास्ता दिखाने के लिए लांगुरा कमल सिंह आगे चले तो मां का खप्पर दिनेश चंद्र ने संभाला। काली को मंत्रशक्ति से उस्ताद श्यामलाल तथा छोटे लाल ने अवतरित किया। इस दौरान ग्राम प्रधान श्रीमती सरोजदेवी, ब्रजमोहन सिंह, दिनेश बाबू, नीतू, रवेन्द्र, देवेन्द्र, ओमप्रकाश, लायक सिंह, राजकुमार, वकील, अनिल कुमार, डीके, वीपी, टीटू, संजय, हाकिम सिंह, अजीत, शिवचरन, सत्यपाल सिंह नारद, आशीष, गोरख, शेलेन्द्र, लोकेन्द्र, राजवीर, अशोक बाबा, नाहर सिंह, सहित तमाम गांव के लोग मौजूद थे। Written by : Niraj Chakrapani