बायेामेट्रिक डाटा जमा करने और इसके एन्क्रिप्शन के लिए संग्रह प्वाइंट पर पंजीकृत उपकरणों ने सुरक्षा विशेषताओं को बढ़ाया
आधार बोयोमेट्रिक का पहचान की चोरी या वित्तीय हानि में कोई दुरुपयोग नहीं : यूआईडीएआई
पिछले दो वर्षों के दौरान आधार आधरित प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण (डीबीटी) के कारण 49,000 रुपए की बचत
यूआईडीएआई सुरक्षा, नागरिक फ्रेंडली और समावेशी प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अनुसार पिछले पांच वर्षों के दौरान पहचान की चोरी और वित्तीय हानि की किसी भी घटना में आधार बायोमेट्रिक के दुरुपयोग किए जाने की जानकारी नहीं मिली है। इस दौरान आधार आधारित कोई 400 करोड़ लेन-देन का प्रमाणीकरण किया गया। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में आधार डाटा के उल्लंघन, बायोमेट्रिक के दुरुपयोग, निजता का उल्लंघन और समानांतर बनाने आदि की गलत सूचनाएं और समाचार प्रकाशित किए जाने के संबंध में व्यापक स्पष्टीकरण देते हुए यूआईडीएआई ने कहा है कि इन सूचनाओं को सावधानीपूर्वक देखा गया है और हम बल पूर्वक कहते हैं कि यूआईडीएआई डाटा बेस का किसी भी प्रकार से कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और यूआईडीएआई के पास जमा व्यक्तिगत डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। यूआईडीएआई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि किसी भी दूसरी समकक्ष प्रणाली की तुलना में आधार आधारित प्रमाणीकरण सुदृढ़ और सुरक्षित है। आधार प्रणाली किसी भी तरह के बायोमेट्रिक के दुरुपयोग की घटना की जांच और चोरी की पहचान कर कार्रवाई करने में सक्षम है। बयान के अनुसार यूआईडीएआई डाटा के पारेषण, भंडारण में दुनिया की सबसे उन्नत एन्क्रिप्शन प्रौद्योगिकी का प्रयोग करती है। इसी का परिणाम है कि पिछले सात सालों के दौरान यूआईडीएआई से किसी भी तरह का उल्लंघन या निवासियों के डाटा बाहर जाने की कोई घटना घटी है। बयान में यह भी बताया गया है कि साइबर स्पेस में खतरे को देखते हुए यूआईडीएआई अपनी सुरक्षा मापदंडों को लगातार अद्यतन करती है। यह अपनी सुरक्षा का परीक्षण करती है और सुरक्षा विशेषताओं को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाती है। यूआईडीएआई ने संग्रह प्वांइट पर बायोमेट्रिक और डाटा संग्रह करने वाले उपकरणों का पंजीकरण करने का फैसला लिया है। इससे आधा इको सिस्टम की सुरक्षा संबंधी गुण और मजबूत होगा। बायोमेट्रिक के दुरुपयोग की समाचापत्रों में छपी खबर के संदर्भ में यूआईडीएआई ने कहा है कि यह इस तरह की इकलौती घटना है और इसमें बैंक बिजनेस करपोंडेंट के रूप में काम कर रहे कर्मचारी ने अपने ही बायोमेट्रिक का दुरुपयोग करने का प्रयास किया था जिसे यूआईडीएआई द्वारा स्थापित सुरक्षा प्रणाली ने पकड़ लिया। साथ ही आधार अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई शुरू की गई है। इको सिस्टम पार्टनर के ऑन बोर्डिंग के बारे में मीडिया में छपी रिपोर्ट का जबवा देते हुए यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार अधिनियम के अंतर्गत संख्त नियमों के अनुसार जो कंपनी आधार की सूचनाओं का प्रयोग करना चाहती है उसपर डाटा साझेदारी प्रतिबंध सहित ऑन बोर्डिंग के सख्त नियम लागू होते हैं।