कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। हमारे शरीर को सबसे ज्यादा खतरा सिर पर लगी चोट से होती है, अगर वो बहुत गहरा हो तो कोमा, पागलपन, याददाश्त या जान भी चली जाती है। दुर्घटना में शरीर के अंगो का नुकसान आपको भले ही जीने की मोहलत दे दे, पर सिर का गहरा जख्म इसकी कोई गारंटी नहीं देता।
हम जाने अनजाने हर रोज अपने सर की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ करते हैं, हेलमेट को मजबूरी, चालान काटने के डर, पसंद-नापसंद से जोड़कर देखते हैं, जोकि न आपके लिए और न आपके चाहने वालों के लिए अच्छा है।
हेलमेट आपके सिर की सुरक्षा के लिए बना है। इसे जरूर पहने। जान है तो जहान हैं, वरना कैसी भी कामयाबी आपके काम की नहीं। हेलमेट आपके सिर और दिमाग को चोट लगने से बचाता हैं।
बाइक और कार में ये अंतर है की उसमे बैठा इंसान छोटी मोटी दुर्घटना से अपने आपको बचा सकता है, पर बाइक वालों के पास ये सुविधा नहीं हैं, उनके पास सिवाए हेलमेट पहनने के, दुर्घटना से बचने का कोई तरीका नहीं है।
याद रखें मामूली सी चोट भी सिर पे लग जाए तो उसे ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। चोट गंभीर हो तो कुछ कहा नहीं जा सकता। समझदारी इसी में हैं की हमेशा हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाये।
अगर आप अपने परिवार के हेड हैं, तब तो आपको अपने हेड की सुरक्षा जरूर करनी चाहिए। आप अपने परिवार से और आपका परिवार भी आपसे बहुत प्यार करता हैं। घर का मुखिया होने के नाते आप के ऊपर अपने परिवार की जिम्मेदारियां है, उनकी सुरक्षा तभी होगी जब आप खुद सुरक्षित रहेंगे। आपके हेलमेट पहनने का निर्णय यह साबित करता हैं की आप अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं।
अगर किसी और की गलती से भी आपको चोट लग जाए, बाइक चलाते वक्त, तो भी आपके लिए हेलमेट पहनना जरूरी होता हैं। दूसरी पार्टी पर गलती डालकर आप दुर्घटना बीमा की धनराशि या उससे मुवावजा नहीं प्राप्त कर सकते, अगर आपने उस वक्त हेलमेट नहीं पहन रखा हो। अगर हेलमेट न हो तो आप कुछ नहीं कर सकते। इसलिए हेलमेट पहनना उतना ही जरूरी है जितना की बाइक में तेल डलवाना।
आप हेलमेट पहनकर सिर्फ अपना चालन कटने से नही बचते है, बल्कि कानून का पालन कर एक अच्छे नागरिक का फर्ज भी निभाते हैं। ये हर देश के नागरिक का कर्तव्य हैं कि वो अपने और दुसरों के जान की भी रक्षा करें। हेलमेट पहनकर अच्छे नागरिक होने का फर्ज निभाइए।
अच्छी क्वालिटी का हेलमेट पहनने का एक और फायदा यह हैं की धूल मिट्टी, आंधी या बारिश के वक्त आप सुरक्षित तरीके से बाइक चला पाते है। बारिश की जोरदार छीटें आपके देखने की क्षमता पर असर डालते हैं, आँखों में धूल चली जाए तो नियंत्रण खो सकता है और दुर्घटना भी हो सकती है। इन सब से बचने का एक ही सुरक्षित तरीका है हेलमेट पहनना।
याद रखिये, हेलमेट पहनने से जो बचते हैं, वो दुर्घटना में बचने से नहीं बच पाते। हजारों रुपये की बाइक खरीद लेते हैं हम, पर हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझते। अगर आप हेलमेट नहीं पहनते इसका मतलब आपके लिए अपनी जान की कोई कीमत नहीं है।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरवनखेड़ा में कार्यरत व्यायाम प्रशिक्षक राजेश बाबू कटियार ने हेलमेट के मतलब को कुछ इसप्रकार समझाया-
H – हेड (सिर)
E – ईयर्स (कान)
L – लिप्स (होठ)
M – माउथ (मुँह)
E – आईस (आंखें)
T – टीथ (दाँत)
हेलमेट लगाने से उक्त सभी अंगों को सुरक्षा प्राप्त होती है, साथ ही गर्दन और सर्वाइकल को भी सुरक्षा प्राप्त होती है। हेलमेट एक वीर फौजी की तरह खुद चोट खाता है पर आपको बचाता है। बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन कदापि न चलाएं। अपने अनमोल जीवन को सुरक्षित बनाएं।