कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कुछ फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करने के बाद अब विभाग ऐसे फर्जी शिक्षकों की तलाश में जुटा है, जिन्होंने नौकरी के दौरान अपना पैन नंबर बदला है। एक पैन पर दो या दो से अधिक शिक्षकों द्वारा वेतन लेने के कई मामले प्रकाश में आए हैं। ऐसे कुछ शिक्षकों को बर्खास्त भी किया जा चुका है। अब लेखाधिकारी के कार्यालय में पैन बदलने के लिए आवेदन देने वालों का विवरण तलब किया गया है।
पूरे प्रदेश में 2002 या उसके बाद तैनात फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए सभी शिक्षकों की जांच की जा रही है। इसके लिए प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिये गए हैं, जिसमें एक-एक सदस्य जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग से भी हैं। जांच के दौरान ही अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने सभी डीएम को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों का विवरण भेजने को कहा है, इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के उप सचिव अनिल कुमार ने भी समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
पैन कार्ड बदलने के कारण –
पैन कार्ड में कुछ गलतियों के सुधार हेतु भी पैन कार्ड बदलाव किया गया भी हो सकता है किंतु स्मरण रहे कि पैन नम्बर वही होना चाहिए अन्यथा की स्थिति में फर्जीवाड़े की ओर संकेत प्रदर्शित होता है। बेसिक शिक्षा विभाग में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए, जिसमें किसी शिक्षक के नाम पर कोई और भी नौकरी करता मिला और उसका वेतन भी शिक्षक के पैन कार्ड पर ही बनता रहा। आइटीआर दाखिल करने के बाद मामले का राजफाश हुआ।
माना जा रहा है कि इस मामले का राजफाश होने के बाद फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले कुछ शिक्षक अपना पैन कार्ड बदल चुके होंगे या बदलवाने हेतु प्रयासरत हैं। ऐसे ही शिक्षकों की पहचान के लिए जांच का आदेश दिया गया है। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त का कहना है कि पैन नंबर बदलने वाले शिक्षकों का विवरण मांगा गया है। इसे जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा।