चन्दौली। परिषदीय विद्यालयों में ’शारदा’ स्कूल हर दिन आए कार्यक्रम के तहत शिक्षा को मजबूत किया जायेगा। स्कूलों में छात्र-छात्राएं पंजीकृत तो है, लेकिन स्कूल काम पहुंचते है, ऐसे बच्चों को कार्यक्रम के तहत उपस्थिति बढ़ाई जाएगी। उन बच्चों को भी चिन्हित किया जायेगा, जो स्कूल नहीं आते है। शासन ने पंजीकृत बच्चों को नियमित पढ़ाई कराने, निरंतर अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को उपस्थिति बढ़ाने के लिए ’शारदा’ स्कूल हर दिन आए कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में दीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम के अन्तर्गत 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी आउट आॅफ स्कूल बच्चे लक्ष्य समूह है। ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नही किया गया हो। ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में पूर्व में नामांकन था, किन्तु किन्हीं कारणवश पढ़ना छोड़ दिया, साथ ही ऐसे बच्चे जो 45 दिन तक स्कूल में उपस्थित नही हो सके, इनके लिए पंजीकरण एवं नामांकन का कार्य दो चरण में होगा। प्रथम चरण में पंजीकरण 15 अप्रैल तक होगा। सभी बच्चों को विद्यालय में प्रवेश 21 मई से शुरू कर 15 जुलाई तक किया जायेगा। पाॅच वर्ष से 14 आयु वर्ग के आउट आॅफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण विद्यालय के प्रधानाध्यापकों / अध्यापकों शिक्षामित्रों / अनुदेशकों द्वारा हाउस होल्ड सर्वे के माध्यम से दो चरण में किया जायेगा। प्रथम चरण में सर्वे 15 अप्रैल तक किया जायेगा। वही द्वितीय चरण में सर्वे 21 मई से 15 जुलाई, 2020 तक नामांकन का कार्य सम्पन्न किया जायेगा।
श्री चहल ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य हर मनुष्य के लिए अहम हिस्सा है, एक मुनष्य का विकास तभी सही ढंग से होगा जब बच्चों के पठन-पाठन का नीव मजबूत होगी। प्रधानाध्यापक के साथ अभिभावको को रखना होगा बच्चों का विशेष ध्यान। जिलाधिकारी ने लोगों को प्रण दिलाया कि प्राइवेट स्कूलों के अपेक्षा सरकारी स्कूल में अधिक से अधिक प्रवेश करायेगे। जनपद को एक आर्दश जिला बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाय। जिलाधिकारी ने संम्बोधित करते हुए कहा कि आॅपरेशन कायाकल्प योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामवासियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु प्राथमिक विद्यालय, आॅगनवाड़ी केन्द्र, एएनएम सेन्टर आदि का मरम्मत कर और ग्राम सचिवालय, पंचायत भवनों को सुसज्जित किया जायेगा। शासन द्वारा परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के पठन-पाठन के स्तर में सुधार किये जाने हेतु और स्वच्छ एवं स्वस्थ्य वातावरण का निर्माण करने और उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवहारों को विकसित किया जायेगा। विद्यालयों में सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्धता, बालक-बालिकाओं की संख्या के आधार पर अलग-अलग शौचालय एवं मूत्रालय की उपलब्धता, हैण्डवाशिंग स्टेशनों एवं साबुन की उपलब्धता,फर्नीचर, विद्युत सहित अन्य कार्य पूर्ण किया जायेगा।
कार्यशाला के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, डायट प्राचार्य सकलड़ीहा, वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।