फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। सामाजिक संस्था महिला प्रतिभा सम्वर्द्धन समिति द्वारा विश्व महिला दिवस पर हुई विचार गोष्ठी एवं होली मिलन कार्यक्रम संस्था के गायत्री भवन स्थित प्रधान कार्यालय पर आयोजित किया गया।
संस्था की परियोजना अधिकारी सविता आर्य ने महिलाओं को संबोधित करते हुये कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के लिये हम स्वयं ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि जिस तरह से हम अपनी बेटी को शुरू से ही सीख देते रहते हैं। उसी प्रकार बेटों को भी शुरू से ही नारी के सम्मान तथा उनके प्रति अच्छी सोच की सीख दें तो इस पुरूष प्रधान समाज द्वारा महिलाओं पर किये जाने वाले अत्याचार में निश्चित ही कमी आयेगी। इसी श्रंखला में श्रीमती भारती राठौर ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि पहले से आज के समय में काफी बदलाव आया है, लेकिन असली बदलाव तब महसूस होगा, जब महिला दिवस की आवश्यकता ही नहीं पड़े। क्योंकि आज महिलाओं एवं युवतियों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही हमें महिला दिवस आयोजित करना होता है। अंत में श्रीमती मधु शर्मा ने अपने विचार रखते हुये सोशल मीडिया से संबंधित पूर्ण जानकारी कराने का प्रयास किया। कहा कि आज व्हाट्सअप, फेसबुक बहुत ज्यादा प्रचलित हो रहे हैं जिनसे महिलाएं भी अछूती नहीं हैं। लेकिन उन्हें इनका प्रयोग बेहद सावधानी से करना चाहिये। अन्यथा घर बैठे ही अपराधियांे की गतिविधियों का शिकार हो जाती हैं। महिला दिवस पर संस्था द्वारा निम्न एवं मध्यम वर्गीय महिलाओं के लिये ग्रीष्मकालीन निःशुल्क प्रशिक्षण शिविरांे की श्रंखला का शुभारंभ किया गया। अंत में सभी ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर एवं होली के गीत गाकर महिला दिवस एवं होली की शुभकामनायें दीं। सुम्बुल खान, नेहा खान, जाग्रति, पिंकी यादव, मोनी, श्रीमती पिंकी देवी, श्वेता, तरन्नुम जहां, नौरीन, शिवानी देवी तथा मोहिनी आदि ने भी विचार व्यक्त किये।