नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अनिल माधव ने तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के लिये मंजूरी पाने के लिए वेब पोर्टल का शुभारम्भ किया। मंत्री महोदय ने पोर्टल के शुभारम्भ को ‘कारोबार करने में सुगमता’ का अच्छा उदाहरण बताया। यह पोर्टल परियोजना प्रस्तावकों के लिए ‘तटीय विनियमन क्षेत्र’ के अंतर्गत मंत्रालय से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए वेब आधारित प्रणाली है। इस प्रणाली से परियोजना प्रस्तावकों और राज्य तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एससीजेडएमए) तथा नगरपालिका/नगर नियोजन एजेंसियों जैसे संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के निकायों को अपने प्रस्तावों की स्थिति जानने में मदद मिलेगी। पर्यावरण और वन मंजूरी प्रदान करने की मौजूदा प्रणाली के समान ही यह प्रणाली वेब आधरित है। यह पोर्टल उपयोगकर्ता के लिए काफी सुविधाजनक है, जिससे एक ही खिड़की के जरिए सीआरजेड मंजूरी के लिए आवेदन जमा कराने में और मंजूरी से संबंधित त्वरित जानकारी पाने मदद मिलेगी। इस पोर्टल में भविष्य के सभी संदर्भों के लिए प्रत्येक प्रस्ताव को अलग पहचान दी गई है। यह इंटरनेट सुविधा के साथ किसी भी कम्प्यूटर पर उपलब्ध है। वेबपोर्टल के उद्देश्यों में दक्षता बढ़ाना, सीआरजेड मंजूरी की प्रक्रिया में पारदर्शीता और जिम्मेदारी लाना, सीआरजेड मंजूरी प्रस्तावों की स्थिति के बारे में सही समय पर जानकारी उपलब्ध करवाने के जरिए जवाबदेही बढ़ाना, कारोबार करने में सुगमता लाना और सूचनाओं तथा सेवाओं तक नागरिकों की सुविधाजनक पहुंच बढ़ाना, केन्द्र और राज्य स्तर पर विधियों और प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना शामिल है। इसके अलावा ज्वार-भाटे के बारे में अधिसूचना, सीआरजेड-1 के अंतर्गत आने वाले पारिस्थितिकीय रूप से संवेदी क्षेत्र, खतरे की रेखा जैसी कई अन्य पहलों पर कार्य चल रहा है। इन सब कदमों का उद्देश्य पक्षपात कम करना और सभी स्तरों पर जवाबदेही बढ़ाना है।