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स्वयं को गांव से जोड़कर गांव कनेक्शन करें मजबूत

2017.03.20 04 ravijansaamnaकिसानों को कृषि विविधिकरण खेती व परमपरागत खेती की भी दी गयी जानकारी
छोटी चीजों के प्रति में हमेशा वफादार रहिये, इन्हीं में है आपकी शक्ति निहित
मधुरवाणी बोलने व सुनने वाले दोनो को मधुरता प्रदान होती है, मधुरवाणी से गांव से जोड़े कनेक्शन: यामिनी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। देश की अधिकांश आबादी ग्रामों में रहती है अतः अधिक से अधिक किसानों व गांव के विकास के लिए स्वयं को गांव से जोड़कर गांव कनेक्शन मजबूत करें। इसके अलावा प्रदेश की लोकप्रिय नई सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को जाने तथा उसकी जानकारी दूरदराज ग्रामीणों तक पहुंचाकर सरकार के कार्यक्रमों से लाभाविंत करें। स्वयं गांव कनेक्शन जुडने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि गांव का क्लचर, संस्कृति वास्तव में देश की महान संस्कृति व क्लचर है इसी कल्चर से हमारी पहचान पूरे विश्व में है। गांव कनेक्शन के माध्यम से गांव की संस्कृति व धरोहर का संरक्षण व संवर्धन कर स्वच्छ व आदर्श, आधुनिक गांव बनाना है। व्यक्ति को दूसरें के सहारे न रहकर स्वयं में आत्मविश्वास पैदा कर अपनी समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। सरकार की महत्वपूर्ण लाभपरक व कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी होनी चाहिए तथा उसका लाभ स्वयं तथा पात्र लोगों को दिलाना चाहिए। यह बात सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने गांव कनेक्शन से जुड़े दूरदराज से आये प्रतिनिधियों से गांव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा बालाजी होटल में आयोजित एक कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में कही। गांव कनेक्शन फाउंडेशन की डायरेक्टर यामिनी त्रिपाठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ग्रामीण परवेश से जितना हम जुड़ेगे उतना ही गांव व देश का विकास होगा। उन्होंने मदर टरेसा की वाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटी चीजों के बारे में हमेशा वफादार रहिये क्योकि इन्हीं में आपकी शक्ति निहित होती है जो लोग देश व समाज के लिए लीक से हटकर रचनात्मक व सकारात्मक कार्य करते है वे लोग मानवीय व इन्सानियत धर्म निभाते ही है साथ ही ऐसेजनों का नाम इतिहास के सुनहरें अक्षरों में भी लिखा जाता है। मुधरवाणी बोलने वाले तथा सुनने वाले दोनों को मधुरता प्रदान करती है इसके विपरीत वाणी का घाव तलवार के घाव से अधिक पीड़ा देता है। आप किसी को मुस्कुराकर देखते है तो वह आपको उसी तरह देखेंगा यदि आप उस पर ढेडी नजर करेंगे तो वह भी आपकों कुटिल दृष्टि से देखेगा। मन में मुधरता होगी तब वाणी भी मधुर होगी। जीवन में मुधरता का अभाव व संवादशून्यता न होने दे। उन्होंने उपस्थितजनों से कहा कि वह अपनी मधुवाणी रचनात्मक व सकारात्मक कार्यो से ग्रामीणों से जुड़कर गांव कनेक्शन को मजबूत करें। फाउंडेशन के सदस्य किशनों को परमपरागत खेती व जैविक खेती के साथ ही आधुनिक व कृषि विविधिकरण खेती की भी जानकारी दे। बैठक में कुपोषण, पल्स पोलियो, सब्जियां से फायदे, स्वच्छ ओडीओ, शुशि मृत्यु दर घटाने, गर्मियों में पशुओं की देखभाल आदि पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में प्रबन्धक सोम्या टंडन, भारती सचान, जय सिंह, पम्मी सिंह, राजकुमार दिवाकर सहित बड़ी संख्या में एनवाईके आदि के भी जन उपस्थित थे। आये हुए सभी अतिथियों का आभार योगेन्द्र योगी ने किया।