विरोधियों की भी मजबूरी बन जाओ,
सूझे उन्हें ना कोई रास्ता तुम्हारे सिवा,
तुम इतने जरूरी बन जाओ।
लेना चाहेंगे तुम्हे वो अपनी कैद में,
लेकिन पहुंच ना सके तुम तक,
मीलों की वो दूरी बन जाओ।
गिराएंगे वो मनोबल तुम्हारा ,
लेकिन टिका हो जिनका सारा निष्कर्ष तुम्हारे ऊपर,
ऐसे अक्ष की तुम धुरी बन जाओ। -प्रियंका सिंह