नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 33 करोड़ से भी अधिक गरीबों को 31,235 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली 10,025 करोड़ रुपये कुल 20.05 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को दिए गए 1405 करोड़ रुपये लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को दिए गए पीएम-किसान की पहली किस्त: 16,146 करोड़ रुपये कुल 8 करोड़ किसानों को हस्तांतरित किए गए ईपीएफ में अंशदान के रूप में 162 करोड़ रुपये 68,775 प्रतिष्ठानों में हस्तांतरित किए गए, 10.6 लाख कर्मचारी लाभान्वित हुए 2.17 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को 3497 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 39.27 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न का मुफ्त राशन वितरित किया गया 1,09,227 मीट्रिक टन दलहन विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भेजी गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: 2.66 करोड़ मुफ्त उज्ज्वला सिलेंडर वितरित किए गए
डिजिटल भुगतान अवसंरचना का उपयोग करते हुए 33 करोड़ से भी अधिक गरीब लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत सीधे तौर पर 31,235 करोड़ रुपये (22 अप्रैल, 2020 तक) की वित्तीय सहायता दी गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च, 2020 को कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन के प्रभाव से गरीबों को बचाने के लिए की है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के एक हिस्से के रूप में सरकार ने महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों एवं किसानों को मुफ्त में अनाज देने और नकद भुगतान करने की घोषणा की। इस पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा निरंतर पैनी नजर रखी जा रही है। वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, मंत्रिमंडलीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) यह सुनिश्चित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि राहत के उपाय तेजी से और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर जरूरतमंदों तक अवश्य ही पहुंच जाएं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 22 अप्रैल 2020 तक लाभार्थियों को निम्नलिखित वित्तीय सहायता (नकद राशि) जारी की गई है।
फिनटेक एवं डिजिटल तकनीक का उपयोग लाभार्थियों को त्वरित और सही ढंग से हस्तांतरण करने के लिए किया जाता है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), अर्थात हस्तांतरण का उपयोग किया जाता है जो यह सुनिश्चित करता है कि राशि सीधे लाभार्थी के खाते में ही जमा हो, धनराशि के कहीं और न जाने (लीकेज) की गुंजाइश ही न रहे तथा इसकी प्रभावकारिता बेहतर हो जाए। इसने लाभार्थी के खाते में धनराशि को सीधे डालना भी सुनिश्चित कर दिया है और इसके लिए लाभार्थी को बैंक शाखा जाने की आवश्यकता नहीं रहती है।
पीएमजीकेपी के अन्य घटकों में अब तक की प्रगति इस प्रकार है:
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना :-
अप्रैल के लिए निर्धारित 40 लाख मीट्रिक टन में से अब तक 40.03 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठाव 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जा चुका है। अप्रैल 2020 की पात्रता के रूप में 1.19 करोड़ राशन कार्डों द्वारा कवर किए गए 39.27 करोड़ लाभार्थियों को 19.63 लाख मीट्रिक टन अनाज 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वितरित किए गए हैं।
1,09,227 मीट्रिक टन दलहन भी विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी गई है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त में गैस सिलेंडर :-
इस पीएमयूवाई योजना के तहत अब तक कुल 3.05 करोड़ सिलेंडर बुक किए जा चुके हैं और 2.66 करोड़ पीएमयूवाई मुफ्त सिलेंडर पहले ही लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
बाकी शेष राशि का 75% गैर-वापसी योग्य अग्रिम या 3 माह का वेतन, इनमें से जो भी कम हो, लेने की अनुमति ईपीएफओ के सदस्यों को है:-
ईपीएफओ के 6.06 लाख सदस्यों ने अब तक 1954 करोड़ रुपये की ऑनलाइन निकासी की है।
3 माह के लिए ईपीएफ अंशदान; 100 कामगारों तक के प्रतिष्ठानों में प्रति माह 15000 रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले ईपीएफओ सदस्यों के योगदान के रूप में वेतन के 24% का भुगतान।
अप्रैल, 2020 हेतु इस योजना के लिए ईपीएफओ को 1000 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। 78.74 लाख लाभार्थियों और संबंधित प्रतिष्ठानों को सूचित कर दिया गया है। घोषणा को लागू करने के लिए एक योजना को अंतिम रूप दे दिया गया। प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
कुल 10.6 लाख कर्मचारी अब तक लाभान्वित हुए हैं और 68,775 प्रतिष्ठानों में कुल 162.11 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
मनरेगा:-
बढ़ी हुई मजदूरी दर को अधिसूचित कर दिया गया है जो 01 अप्रैल 2020 से प्रभावी है। चालू वित्त वर्ष में 1.27 करोड़ कार्य-दिवस सृजित हुए। इसके अलावा, मजदूरी और सामग्री दोनों के लंबित बकाये को समाप्त करने के लिए राज्यों को 7300 करोड़ रुपये जारी किए गए।
सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बीमा योजना:-
योजना का संचालन न्यू इंडिया एश्योरेंस द्वारा किया गया है जिसमें 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को कवर किया गया है।
किसानों को सहायता :-
कुल वितरित राशि में से 16,146 करोड़ रुपये पीएम-किसान की पहली किस्त के भुगतान में लगाए गए हैं। योजना के तहत 8 करोड़ चिन्हित लाभार्थियों में से सभी 8 करोड़ के खातों में 2,000-2,000 रुपये सीधे डाले गए हैं।
पीएमजेडीवाई महिलाओं खाताधारकों को सहायता:-
चूंकि भारत में बड़ी संख्या में घरों का प्रबंधन मुख्यत: महिलाओं द्वारा ही किया जाता है, इसलिए पैकेज के तहत 20.05 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को अपने खाते में 500-500 रुपये प्राप्त हुए। 22 अप्रैल, 2020 तक इस मद में कुल वितरण 10,025 करोड़ रुपये का हुआ।
वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को सहायता:-
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को तकरीबन 1,405 करोड़ रुपये वितरित किए गए। प्रत्येक लाभार्थी को इस योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 500 रुपये की अनुग्रह राशि प्राप्त हुई। 500-500 रुपये की एक और किस्त का भुगतान अगले महीने किया जाएगा।
भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को सहायता:-
2.17 करोड़ भवन एवं निर्माण श्रमिकों को राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित भवन और निर्माण श्रमिक कोष से वित्तीय सहायता मिली। इसके तहत लाभार्थियों को 3,497 करोड़ रुपये दिए गए हैं।