Sunday, November 24, 2024
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डीपीएस स्कूल में अभिभावकों ने जमकर हंगामा काटा

2017.03.23.1 ssp dpsशिक्षकों पर जबरन कोचिंग पढ़ाने का लगाया आरोप
दो साल से फेल करने का गंभीर आरोप
स्कूल मैनेजमेंट ने सभी आरोपों को मनगड़न्त बताया
अभिभावक खटखटायेंगे अब कोर्ट का दरवाजा !
कानपुर, अर्पण कश्यप। शहर में कुकुरमुत्ते की तरह हर गली मोहल्ले में खुल रहे निजी शिक्षण संस्थानों ने बच्चों को पढ़ाने की जगह उनके अभिभावकों की जेब में खाली करने का काम रहे हैं। हर अभिभावक की यही इच्छा रहती है कि उसके बच्चों का भवष्यि अच्छा हो इसी लिए वो अपने बच्चों का दाखिला निजी यानी कि प्राइवेट स्कूलों में मोटी-मोटी डोनेशन देते हैं। लेकिन इतने से ही प्राइवेट स्कूलों का मन नहीं भर रहा है। क्योंकि आज एक निजी स्कूल के शिक्षकों पर अभिभावकों ने बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं। अभिभावकों के अनुसार उनके बच्चों ने स्कूल के टीचरों से कोचिंग नहीं पढ़ी तो उन्हें फेल कर दिया गया। इसी बात को लेकर अभिभावकों ने स्कूल के प्रबन्धन व शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए हंगामा काटा।
जी हॉ हम बात कर रहे हैं, शहर के चर्चित शिक्षण संस्थान डी.पी.एस. यानि दिल्ली पब्लिक स्कूल की, यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी अपना कालर ऊचा करके चलते हैं कि हमारा बच्चा डी.पी.एस में पढ़ता है पर आज बर्रा क्षेत्र के मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित डीपीएस स्कूल में जो नजारा दिखा वह बहुत ही घटिया है। क्यों आज की सुबह यहां बच्चों के अभिभावकों ने टीचरों पर गंभीर आरोप लगाए और हंगामा भी किया। इन्टर में पढ़ने वाले बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी स्कूल पहुचे और हंगामा करने लगे। हंगामा देख स्कूल प्रबंधक ने सौ नम्बर पर सूचना दी। हंगामा के दौरान पता चला कि टीचरों से जिन्होंने कोचिंग नहीं पढ़ी उन्हें फेल कर दिया गया।
आर्यन, अनुज, दिपाली सहित तमाम बच्चों के साथ अभिभावकों ने बताया कि बच्चों के छमाही परीक्षा में नम्बर अच्छे आये थे जिसके बाद स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर राजेश श्रीवास्तव, स्वाती शुक्ला, लिप्सी खनुजा सहित अन्य टीचर घर पर ही कोचिंग चलाते हैं। टीचरों ने जबरन कोचिंग पढ़ने के लिये दबाव डालना शुरू कर दिया। जब बच्चे पढ़ने के लिये मना करते है तो उन्हे फेल करने की धमकी दी जाती थी जिसमे से कुछ बच्चों ने तो फेल होने के डर से कोचिंग ज्वाइंट कर लिया व अच्छे नम्बरों से पास भी हुये वही जिन्होंने आर्थिक तंगी की वजह से कोचिंग नहीं ली उन्हे फेल कर दिया गया। यहॉ तक भी बात ठीक थी बात करते है यही के एक छात्र की गौरव कटियार के पिता का लगभग तीन चार साल पहले स्वार्गवास हो चुका है मॉ पिंकी घर पर ही सिलाई कर पढाई का खर्चा उठा रही है। थोडी बहुत गॉव की जमीन थी वो भी बिक चुकी है सोचा था ग्यारवी पढ़ा कर कुछ नौकरी चाकरी करवाउंगी पर यहॉ तो ग्यारवी के पैसों पर स्कूल की नजर टेढी है। मॉ को रोता देख गौरव तो पांडव नदीं मे कूदने लिये भागा पर वहॉ खड़े अन्य परिजनांे ने उसे पकड़ लिया। बच्चों के परिजनो ने अपनी मॉगों के बारे कहा कि हमारे बच्चों की कापियॉ दोबारा चेक करायी जाये या दोबारा पेपर करवाये जाये। वही इतने बवाल होने के बाद भी करोड़ो की मर्थडीस गाड़ी से चलने वाले घंटो लेट आये स्कूल प्रबंधक आलोक …ने दो टूक शब्दो में पूरी बात खत्म कर कहा जिसे जो कहना हो कोर्ट जाये। वहीं टीचरों ने छात्रो से भी कहा कि जिससे शिकायत करनी हो कर लो हमारा कोई कुछ नहीं कर पायेगा। वही स्कूल प्रबंधन के अनुसार अभिभावकों ने जो आरोप लगाए वह निराधार हैं।