कानपुर, जन सामना ब्यूरो। जो बैठ जाता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है, जो खड़ा होगा उसका भाग्य भी खड़ा हो जाता है जो सो जाता है उसका भाग्य भी सो जाता है इसलिए, मानव तुम चलते रहो- चलते रहो जीवन में सिद्धान्त के साथ ही साथ उद्देश्य भी होना चाहिए। जो काम करते हो उसे और अच्छा करने के लिए सोचना चाहिए, किसी की अवमाननाध्आलोचना नही करनी चाहिये। यह बात आज माननीय राज्य पाल उत्तर प्रदेश श्री राम नाइक ने चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौधोगिक विश्व विद्यालय कानपुर के 18 वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र छात्राओं के सम्बोधन में दीप प्रज्जलित कर उद्घाटन करते हुए कही, उन्होंने कहा कि इस विश्व विद्यालय की स्थापना 1975 में हुई थी इससे पूर्व दीक्षान्त समारोह समय-समय पर नही हुये है। यह मेरा इस विश्व विद्यालय का तीसरा दीक्षान्त समारोह है। उन्होंने कहा कि 42 वर्ष बाद 18 वां दीक्षान्त समारोह मनाया जा रहा है इससे स्पष्ट होता है कि पूर्व में समय पर दीक्षान्त समारोह नही किये गये है। उत्तर प्रदेश में कुल 29 विश्व विद्यालय है जिसमें 4 नये बने है तथा 25 विश्व विद्यालयों में 23 दीक्षान्त समारोह अब तक हो चुके है शेष माह अप्रैल तक पूर्ण हो जाएगे, इससे शिक्षा, प्रवेश, परिणाम एवं नकल विहीन परीक्षा में सुधार होगा। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश की गाड़ी अब पटरी पर आयी है। उन्होंने सभी कुल पतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज 1857 की पहली लड़ाई का ध्यान आता है जिसमें तात्या टोपे, गणेश शंकर विद्यार्थी का स्मरण भी किया और कहा कि आज भगत सिंह पूर्ण तिथि एवं राम मनोहर लोहिया की जयन्ती है ऐसे महा पुरुषों का स्मरण कर देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। माननीय राज्यपाल ने वीर विक्रम सिंह, साह आलम तोमर, शेष नाथ पाण्डेय, मनीषा सैनी, प्रदीप कुमार, शौरभ गोविन्द राय आदि छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक दिये। इसके अतिरिक्त मनु तिपाठी, सोमेश, रानी देवी, अंजलि मौर्या, कीर्ति गोस्वामी, सोमेश, प्रिया, दुर्गा लाल धाकर को रजत एवं सौरभ गोविन्द राव, आदित्य पाण्डेय, सन्दीप कुमार, आनंद कुमार सिंह आदि को रजत पदको से सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने छात्र एवं छात्राओं को वितरित की गयी उपाधियों का प्रतिशत निकालते हुए कहा कि जैसा विकास हो रहा है उसमे लड़किया भी आगे है इससे महिलाओं के शसक्तीकरण का एक नमूना देख रहा हूँ। उन्होंने यह भी कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को यहां तक आने में जो माता पिता एवं गुरु ने आप को ऐसे स्थान पर लाकर खड़ा किया है उसको भूलना नही चाहिये। उनका सदा आदर करना सीखो तथा आज जो प्रतिज्ञा ली है, उसका भी ध्यान रहे। इस अवसर पर कुलपति डा० एस० सोलोमन तथा डॉ० पंजाब सिंह ने भी विस्तार से विश्व विद्यालय के सम्बन्ध में छात्र छात्राओं की शिक्षा एवं अन्य नयी तकनीकी योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की।