शिवली/कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार। महंत श्री शोभन सरकार के ब्रह्मलीन की खबर फैलते ही हजारों की तादाद में पहुचे श्रद्धालु। श्रद्धालुओ में शोक की लहर। शोभन सरकार के श्रद्धालु बिलख बिलख कर रो रहे थे वही उनको किसी तरह समझा कर मंदिर प्रशासन शांत कराने में लगा था। वही प्रशासन की एक भी बात नहीं मान रहे थे श्रद्धालु। आपको बता दे कि उन्नाव में एक हजार टन सोने की खजाने की भविष्यवाणी करने वाले महंत शोभन सरकार ब्रह्मलीन में लीन उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के गांव डोडिया खेड़ा 1000 टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी करने वाले बाबा शोभन सरकार का देहांत हो गया। महेंद्र स्वामी विरक्तानंद महाराज उर्फ शोभन सरकार बुधवार सुबह ब्रह्मलीन हो गए। शोभन सरकार के निधन से भक्तों में शोक की लहर है। कानपुर और आसपास के जिलों में उनके भक्त शिवली स्थित आश्रम पहुंचने लगे। शोभन सरकार ने वर्ष 2013 में उन्नाव जिले के डोडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामबख्स के खंडहर हो चुके महल में 1000 टन सोने का भंडार होने का सपना देखा था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने महल पर कब्जा कर राजा राव रामबख्श को फांसी दे दी थी। महल के भूगर्भ में हजारों टन सोना दबा है इसके बाद एएसआई ने 2013 अक्टूबर राजा राव रामबख्श के खंडहर महल में खुदाई शुरू कराई जियोलॉजिकल ऑफ इंडिया ने एएसआई को 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी। कि महल के नीचे सोना चांदी या अन्य धातु दबी हो सकती है करीब 1 महीने तक चली खुदाई का काम 19 नवंबर 2013 को पूरा हुआ इस काम में प्रदेश के 2.78 लाख रुपये खर्च हो गए। लेकिन सोना का भंडार ना मिलने पर खुदाई को रोक दिया गया था।
खुदाई में सोना न निकलने से सरकार की हुई थी किरकिरी
शोभन सरकार के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है वही खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था वहीं ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था। जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज सरकार का हक होगा।
कानपुर जिले में ही नही अन्य राज्यो में है इनके भक्त कानपुर ही नहीं आसपास के कई राज्यो तक फैले हैं उनके भक्त शोभन सरकार का वास्तविक नाम विरक्त आनंद उम्र 66 वर्ष था इनका जन्म कानपुर देहात के शिवली कोतवाली के सुजानपुर गांव में हुआ था इनके पिता का नाम कैलाश नाथ तिवारी था सूत्रों से बताया गया कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग प्राप्त हो गया था उन्होंने गांव के लोगों के लिए जनहित में बहुत से कार्य किए हैं यही वजह है कि गांव वाले उन्हें भगवान की तरह मानने लगे हैं।
शोभन सरकार के हठ से राज्य सरकार ने भी टेका था माथा
कानपुर को उन्नाव से जोड़ने वाले पुल का श्रेय शोभन सरकार को जाता है वर्ष 2004 में शोभन सरकार ने कानपुर और उन्नाव के बीच एक नया पुल बनाने की मांग राज्य सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया इस पर शोभन सरकार ने भक्तों के चढ़ावे से पुल बनाने का फैसला किया। हटी शोभन सरकार ने देखते ही देखते कई ट्रक बिल्डिंग मटेरियल खरीद लिया था जब यह बात शासन तक पहुंची तो सरकार ने पुल बनवाने की घोषणा कर दी बाद में शोभन सरकार ने पास में स्थित प्रसिद्ध देवी स्थल चंद्रिका देवी का जीर्णोद्धार कराया और वहां एक नया आश्रम स्थापित किया किया।
लाखो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है शोभन आश्रम
शिवली क्षेत्र में शोभन आश्रम स्थापित है जहाँ प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में दर्शन करने श्रद्धालु आते है यहाँ प्रति वर्ष 7 दिवसीय रामलीला व दिनरात भंडारे का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम शोभन मंदिर से 500 मिटर दूर गौरी कुंड में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जहाँ लाखो श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते है। शोभन सरकार के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद अब किसकी जिम्मेदारी होगी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।