कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा एक ही प्रांगण में संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन किये जाने के उपरांत मध्यान्ह भोजन निधि के खाता संचालन के संदर्भ में नवीन दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। अब प्राइमरी या जूनियर स्कूलों में से जिस स्कूल में बच्चे ज्यादा होंगे उनमें कम बच्चे वाले स्कूल का संविलियन होगा। ज्यादा बच्चों वाले स्कूल की विद्यालय प्रबंध समिति और मिड डे मील का खाता ही चालू रहेगा। पहले एक ही प्रांगण में स्थित जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक को यह कार्य सौंपा गया था। यदि कहीं पर दो प्राथमिक विद्यालयों का संविलियन हुआ है तो वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को यह कार्य सौंपा गया था किन्तु अब इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कुछ संशोधन किये हैं। स्कूलों के संविलियन के लिए जिलों में तैनात जिला समन्वयक (सिविल) को नोडल अफसर बनाया गया है और इनकी देखरेख में ही पूरी कार्यवाही की जायेगी। मिड डे मील के बर्तन किचन, उपकरण, गैस आदि का एक ही स्टॉक रजिस्टर बनाया जायेगा और इसकी चेकिंग खण्ड शिक्षा अधिकारी करेंगे। बाकी के नियम पिछले आदेश के मुताबिक ही रहेंगे। पूर्व में स्कूलों के संविलियन का आदेश नवम्बर 2018 में जारी किया गया था। इसके मुताबिक एक ही प्रांगण में चलने वाले स्कूलों का मर्जर करवाया जाये और एक ही विद्यालय प्रबंध समित बनाई जाये यानी दोनों स्कूलों की एसएमसी भंग कर एक समिति बनाई जाये। आदेश के मुताबिक, अधिक छात्र संख्या वाले संविलियन विद्यालय द्वारा एसएमसी एवं मध्यान्ह भोजन निधि का खाता संचालन किया जायेगा। साथ ही वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को ही चार्ज दिया जायेगा। वहीं आरटीई मानक के अनुसार शिक्षकों व रसोइयों की संख्या विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या के हिसाब से निर्धारित होगी।