लॉकडाउन में निजी स्कूलों में बिगड़े हालातों का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक और कर्मचारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का दर्द सोशल मीडिया पर उभर कर सामने आ रहा है। हजारों शिक्षक लगातार शासन, प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कोई एक महीना तो कोई दो-तीन महीने का वेतन न मिलने की दुहाई दे रहा है। कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्हें नौकरियां से भी निकाल दिया गया है।
लॉकडाउन में निजी स्कूलों में बिगड़े हालातों का खामियाजा यहां के शिक्षक और कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। 60 प्रतिशत निजी स्कूल प्रबंधनों ने हाथ खड़े कर दिये हैं। शुरुआत में बेसिक शिक्षा परिषद की मान्यता पर आठवीं तक संचालित निजी स्कूलों की संख्या अलग है। यूपी बोर्ड के करीब 600 निजी स्कूलों में लॉकडाउन के बाद स्थितियां खराब हो चली हैं। कुछ स्कूलों ने वेतन में कटौती करना शुरू कर दिया है। वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां फीस आने पर वेतन देने की बात कह दी गई है। आशंका जताई जा रही है कि अगर स्थितियां नहीं बदलती तो आने वाले समय में बड़े स्तर पर छंटनी तक की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। जिले में यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई के करीब 900 निजी स्कूल संचालित हैं। इसके अलावा करीब 6 हजार शिक्षक और 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। वहीं सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों की संख्या को भी जोड़ दिया जाये तो यह संख्या करीब 30 हजार के आसपास है। जानकारों की मानें तो कुछ बड़े नामचीन स्कूलों में फिलहाल स्थितियां ठीक हैं लेकिन अन्य के हालात खराब हो चुके हैं। विभिन्न शिक्षक संघो ने सरकार से आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है किंतु सरकार द्वारा इस समस्या का अभी तक निराकरण नहीं किया गया।