Wednesday, November 27, 2024
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5 दिनों से लापता दो पार्टी कार्यकर्ताओं का कोई सुराग नहीं

विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई के खिलाफ षड्यंत्र
दीमापुर/नागालैंड, जन सामना ब्यूरो। वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के दो पार्टी कार्यकर्ताओं के होटल मून स्टार, दीमापुर से लापता हुए 5 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें खोज नहीं पाई है। दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के गायब होने के पीछे का कारण नागालैंड में वोटर पार्टी इंटरनेशनल के नीति निदेशक विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई को रोकना है। श्री विश्वात्मा को दीमापुर में चल रहे राजनीतिक प्रशिक्षण के 3 दिवसीय सत्र के बाद 13 मार्च को दीमापुर पुलिस ने धोखे से गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने बिना किसी कारण श्री विश्वात्मा को 10 दिनों तक हिरासत में रखा और फिर 23 मार्च को जेल भेज दिया। पार्टी के अखिल भारतीय समिति के सचिव शिवाकांत गोरखपुरी और उनके सहायक नवीन कुमार, 14 मार्च को श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी के बाद नागालैंड पहुंचे। वे जेल से उसकी रिहाई के लिए काम कर रहे थे। दुर्भाग्य से विश्वात्मा की रिहाई से पहले ही वे लॉकडाउन के कारण दीमापुर में ही फंस गए। विश्वात्मा लॉकडाउन खत्म होने के बाद 20 मई को जमानत पर रिहा होने वाले थे।
श्री विश्वात्मा को जमानत पर रिहा होने से ठीक 1 दिन पहले 19 मई को साँय लगभग 4 बजे, 3 अज्ञात व्यक्ति होटल में उपरोक्त दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने आए। कुछ समय बाद पार्टी कार्यकर्ता उन व्यक्तियों के साथ चले गए। उसके बाद से उन दोनों कार्यकर्ताओं से संपर्क टूट गया है।
एक तरफ, पुलिस ने बिना किसी नोटिस, जांच और आरोपों के पार्टी के प्रमुख श्री विश्वात्मा को जेल भेज दिया, दूसरी तरफ, पुलिस 5 दिनों के बाद भी लापता पार्टी कार्यकर्ताओं को खोजने में असमर्थ है। श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी के पीछे एक राजनीतिक साजिश है। पार्टी के कार्यकर्ताओं के लापता होने के पीछे वही ताकतें हैं, जो चाहतती हैं कि श्री विश्वात्मा जेल से रिहा नहीं होने पाएँ और उनका वोटरशिप और राजनैतिक सुधारों का अभियान समाप्त हो जाए ।
लॉकडाउन के बहाने, प्रशासन और सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। लॉकडाऊन के बहाने प्रशासन ने ऐसे व्यक्ति को जेल में बंद कर रखा है, जो न केवल भारत के बल्कि पूरे विश्व के सभी मजदूरों, गरीबों और गरीबी रेखा के लोगों को आर्थिक न्याय दिलाने का काम कर रहा है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने विवाह नहीं किया, कोई संपत्ति भी नहीं बनाई। उन्होंने आर्थिक तंगी का सामना कर रहे गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को न्याय दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन नाम दिया। भारत का वोटर अब उसके साथ खड़ा है और सरकारों से सवाल कर रहा है। इसलिए श्री विश्वात्मा को जेल में बंद कर दिया गया है और अब उनकी रिहाई की कोशिश कर रहे पार्टी कार्यकर्ता उनकी जमानत से 1 दिन पहले ही अचानक गायब हो गए हैं।