आज इस कोविड -19 नामक वैश्विक महामारी ने विकसित व विकासशील सभी देशों को लगभग घुटने पर ला दिया है। इस वैश्विक महामारी के चलते चारों तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है। लोग की आँखों में कोरोना के खतरे का डर साफ-साफ झलक रहा है। विश्व स्तर पर अगर नजर डालें तो अब तक कोरोना वायरस से ७६६५०१७ लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है इससे ४२५६०९ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोविड -19 का संक्रमण अब बहुत तेजी बढ़ रहा है इसका बस एक ही कारण है कि आखिर कब ज़िन्दगी की गाड़ी को रोके रखा जाए क्योंकि अगर हम गतिशीलता नहीं दिखाएंगे तो भूख से मर जाएंगे। ऐसे में जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा जिससे कम से कम दो वक्त की रोटी तो नसीब हो सके।
अब हम भारत की बात करें तो यहाँ कोविड -19 का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। यह दुनिया के संक्रमित देशों में चौथे पायदान पर आ पहुंचा है । यहाँ संक्रमण के आंकड़ें अब तक २९७५३५ आ चुके हैं जिसमें १४७१९५ इलाज के दौरान ठीक पाए गए हैं जबकि अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या १४१८४२ है। अगर हम प्रतिदिन के आंकड़ों पर बात करें तो देश में करीब हर रोज १०००० नये संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं और हर रोज कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या करीब ४०० हो चुकी है। अगर इन आकड़ों को देखा जाए तो भारत के अकेले पाँच राज्य इस आंकड़ें में आधे संक्रमित जनसंख्या का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
अगर बात भारत के वाणिज्यिक महानगर मुम्बई की करें तो मुंबई में अब तक करीब ५५००० संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं और यहाँ कोरोना से मरने वालों की संख्या ३७१७ हो चुकी है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहाँ संक्रमितों की संख्या अब तक ३६००० से ज्यादा हो चुकी है । जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने बुरे हैं अगर इसी तरह यह आंकड़ें बढ़ते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश कोरोना संक्रमितों की संख्या में सबसे ऊपर होगा।
इस कोविड -19 नामक वैश्विक महामारी ने हमारे महानगरों की खस्ता हालत को पूरी तरह उजागर कर दिया है । जब महानगरों के अस्पताल खुद ही बीमार हैं तो ऐसे में कोरोना से बीमार लोग आखिर इलाज कराने कहाँ जाएं। महानगरों के अस्पताल महामारी से लड़ने में पूर्णतया नाकाम दिख रहे हैं। दिल्ली मुंबई के अस्पतालों में मौजूद ९९ % आईसीयू और ९४ % वेंटिलेटर मरीजों से फुल चल रहे हैं ऐसे में नये संक्रमित मरीज आखिर इलाज कराने कहाँ जाए। सूत्रों के अनुसार महानगरों में कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट आने में आठ-आठ दिन लग जा रहे हैं जिसके चलते कितने मरीज रिपोर्ट आने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए डब्ल्यू एच ओ का यह दावा बिल्कुल गलत नहीं है कि आने वाले कुछ दिनों में कोविड -19 नामक वैश्विक महामारी से पूरे विश्व में हाहाकार मच जाएगा। आगामी कुछ ही दिनों में कोरोना के संक्रमण का भयानक रूप देखने को मिलेगा। जिसमें भारत में संक्रमितों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिल सकती है अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है। देश के अस्पताल खुद बीमारी से जुझ रहे हैं तो सबसे पहले अस्पतालों का इलाज बेहद जरूरी हो चला है जिससे कोरोना से बीमार लोगों का इलाज किया जा सके । देश के महानगरों को अब तैयार होने की जरूरत है और अस्पतालों की खस्ता हाल व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है तभी हम कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ सकते हैं। महानगरों की गति में फिर से ब्रेक लगाने की जरूरत है नहीं तो यहाँ के बीमार अस्पताल यहाँ के बीमार लोगों के जान सुरक्षा मुहैया नहीं करा पाएंगे।