Wednesday, November 27, 2024
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केंद्रीय जल मंत्री ने पश्चिम बंगाल में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर चिंता जताई

जेजेएम के तहत, पश्चिम बंगाल को 2020-21 के लिए 1610 करोड़ रुपये का आवंटन
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत राज्य में कार्यों की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि राज्य जेजेएम योजना को लागू कर रहे हैं जिसका उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराना है। मिशन का लक्ष्य महिलाओं विशेष रूप से लड़कियों को कठिन परिश्रम से छुटकारा दिलाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।
अपने पत्र में श्री शेखावत ने उल्लेख किया है कि जल जीवन मिशन के तहत दिए गए घरेलू नल कनेक्शन की संख्या और फण्ड के उपयोग के आधार पर धन उपलब्ध कराया जाता है। वर्ष 2019-20 में 32 लाख घरों में नल कनेक्शन देने के लक्ष्य निधारित किया गया था, लेकिन राज्य में केवल 4,750 नल कनेक्शन प्रदान किए गए। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल को 2019-20 में 994 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे, परन्तु राज्य केवल 428 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया। आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित गावों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए मार्च, 2017 से पश्चिम बंगाल को कुल 1,305.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिनमें से 573.36 करोड़ रुपये की धनराशि का अभी तक उपयोग नहीं किया जा सका है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि राज्य के लिए आवंटन को 2019-20 के 994 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2020-21 में 1,610.76 करोड़ रुपये किया गया है और पिछले वर्ष की खर्च नहीं की गयी धनराशि के साथ, पश्चिम बंगाल में जेजेएम के लिए 2,760 करोड़ रुपये के रूप में केंद्रीय निधि की सुनिश्चित उपलब्धता है। राज्य के हिस्से के योगदान के साथ, जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए पश्चिम बंगाल को 2020-21 के दौरान 5,645 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। जल शक्ति मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना राष्ट्रीय प्राथमिकता है और राज्य को समयबद्ध तरीके से लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि शेष घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों के रेट्रोफिटिंग / संवर्द्धन पर ध्यान देने के साथ समय सीमा के भीतर जेजेएम के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित योजना तैयार की जानी चाहिए। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि राज्य के 21,600 गाँवों में मौजूदा पाइप जलापूर्ति योजनाओं के उपयोग से लगभग 1 करोड़ घरों में नल कनेक्शन दिए जा सकते हैं।
श्री शेखावत ने उल्लेख किया कि जिन गावों में पीने योग्य पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है वहां जेजेएम के तहत पीने योग्य पानी की आपूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा आर्सेनिक / फ्लोराइड से प्रभावित गावों में दिसंबर 2020 से पहले पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाना है। आकांक्षी जिलों के गांवों, एससी/एसटी आबादी बहुल गांवों/बस्तियों, जेई-एईएस प्रभावित जिलों और संसद आदर्श ग्राम योजना के गांवों को प्राथमिकता दी जानी है।
स्थानीय समुदाय की भूमिका और जिम्मेदारी के बारे में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि जल आपूर्ति प्रणालियों के योजना निर्माण, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में स्थानीय ग्राम समुदाय / ग्राम पंचायतों और उपयोगकर्ता समूहों को शामिल किया जाना चाहिए। इससे पेयजल के सन्दर्भ में दीर्घकालिक स्थिरता व सुरक्षा सुनिश्चित होगी। सभी गांवों में जल जीवन मिशन को सही मायने में जनांदोलन बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग के साथ-साथ आईईसी अभियान को संचालित करने की आवश्यकता है।
जल आपूर्ति प्रणालियों के दीर्घकालिक उपयोग के लिए केंद्रीय मंत्री ने मौजूदा पेयजल स्रोतों को मजबूत करने का आग्रह किया। गाँव स्तर पर योजना का निर्माण किया जाना चाहिए और प्रत्येक गाँव के लिए ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार की जानी चाहिए। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रमों – मनरेगा, एसबीएम, पीआरआई को मिलनेवाली 15 वें वित्त आयोग की निधि, सीएएमपीए फण्ड, जिला खनिज विकास कोष, ग्राम स्तर पर स्थानीय क्षेत्र विकास फण्ड आदि के तहत उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल के पीआरआई को 2020-21 में 15 वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 4,412 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे और इस राशि का 50% अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (जी) के तहत ग्रे वाटर ट्रीटमेंट और पुन: उपयोग कार्यों के लिए भी फंड जारी किये जाते हैं।
कोविड -19 महामारी के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट/सार्वजनिक जल स्रोतों पर लोगों की भीड़ जमा न हो। जल शक्ति मंत्री ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री से घरेलू नल कनेक्शन देने के लिए सभी गांवों में पानी की आपूर्ति के कामों में तेजी लाने का अनुरोध किया है। इससे सामाजिक दूरी बनाए रखने में मदद मिलेगी, स्थानीय लोगों / प्रवासियों को अतिरिक्त रोजगार मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय जल मंत्री ने पश्चिम बंगाल के सीएम को ‘100% एफएचटीसी राज्य’ अर्थात 2024 तक ‘हर घर जल’ राज्य बनाने के लिए केंद्र सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। केंद्रीय जल मंत्री श्री शेखावत ने जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम के साथ जेजेएम की योजना और कार्यान्वयन पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की।