कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। स्वच्छता के प्रति जनता में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है प्रत्येक व्यक्ति को प्रति सप्ताह इस कार्य में कम से कम दो घण्टे का श्रम दान देकर इस स्वच्छता के संकल्प को चरित्रार्थ करना है। स्वच्छ भारत अभियान तो आजादी के बाद ही शुरू होना था, खुले में शौच जाने से मक्खियां बहुत सारी बीमारियों को मनुष्यों में फैलाती है इस बात की जनता में जागरूकता लाना भी आवश्यक है। हमें दृण निश्चय करना है कि हम अपने गाँव को खुले में शौच मुक्त बनाना है। जब हम संकल्पित होंगे तो अपने गाँव को दो या तीन माह में शौच मुक्त अवश्य बना लेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मण्डल में यह कार्य बहुत तेजी से सम्पन्न कराकर पूरे मण्डल को खुले में शौच मुक्त बनना है।
उक्त कथन मण्डलायुक्त मो. इफ्तेखारुद्दीन ने सीएसए स्थित कैलाश भवनके सभागार में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत ओडीएफ (शौच मुक्त) गाँव, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिवों को आयोजित सम्मान समारोह में उन्हें सम्मानित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले 82 ग्राम प्रधानों, 16 ग्राम पंचायत सचिवों, 9 खण्ड प्रेरिकों, 16 ग्राम प्रेरिकों को सम्मानित करते हुए कहा कि इस प्रगति में लाभार्थीयों द्वारा स्वयं शौचालयों का निर्माण कराया जाना मुख्य है और इससे शौचालय के निर्माण में अभूतपूर्व गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
मण्डलायुक्त ने कहा कि कानपुर नगर में वित्तीय वर्ष 2016 – 17 में 40 हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण कराया गया, जिससे 52 ग्राम पंचायते तथा 110 राजस्व ग्राम खुले में शौच मुक्त हो चुके है और इस सफलता के पीछे स्थानीय लोगों का दृढ़ संकल्पित होना रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमे हर सूरत में मण्डल को (ओडीएफ) खुले में शौच मुक्त बनना है और अपने मण्डल को प्रदेश में प्रथम लाना है, उन्होंने महिला प्रधानों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें आगे आकर ग्रामीणों में नई ऊर्जा का संचार करना है ताकि स्वच्छता अभियान को नया आयाम मिल सके। उन्होंने जिलाधिकारी कानपुर नगर की सराहना करते हुए कहा कि गंगा के किनारे के 41 गांव खुले से शौच मुक्त हो चुके हैं अब सभी 590 ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी होगी कि तीन माह में ही हमें अपना लक्ष्य प्राप्त करना है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि सम्मानित होने वाले प्रधानों का अनुकरण अन्य प्रधान भी करें तो जनपद दो तीन माह में पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त करने में समय नहीं लगेगा। उन्होंने प्रधानों से कहा कि उनका दायित्व है कि जो शौचालय बने हैं उनका ग्रामीण जन उपयोग भी करें क्यों कि मनुष्य की आदत बदलने में समय लगता है और जब सभी प्रधानों का सहयोग मिलेगा तो एक लाख 50 हजार शौचालय और बन कर तैयार हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम निगरानी समितियों के सदस्यो का दायित्व है कि वह सुबह 5 बजे अपने सभी सदस्यों के साथ गांवों में प्रभात फेरी के रूप में निकले और गाँव वालों को अपने निर्मित शौचालय को प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें।
मुख्य विकास अधिकरी ने कहा कि निगरानी समितियों को टाॅर्च, रैफलेक्टेड जाॅकेट, टोपी एवं तिरंगा झण्डा भी उपलब्ध कराया गया है ताकि वह सुबह शाम के फालोअप में अग्रणीय भूमिका निभा सकें, इसके साथ ही जिला पंचायत राज कार्यालय में ओडीएफ रूम की स्थापना कराई गयी है तथा सभी विकास खण्ड वार कम्प्यूटर आपरेटर भी लगाये गए है ताकि निगरानी समितियों पर निगाह रखी जा सकें एवं निगरानी समितियां मार्निग एवं इवनिंग फाॅलोअप के फोटो व्हाट्स आप के माध्यम से ओडीएफ बार रूम को भेजते रहे।
कार्यक्रम के दौरान तीन लघु फिल्म दिखा कर आये हुए प्रधानों को जागरूक किया था, सभी को खुले में शौच मुक्त व श्रम दान करने की शपथ दिलायी गयी।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर पी यादव, उपनिदेशक पंचायत सुरेंद्र सिंह, डीपीआरओ तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।