नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 महामारी का सामान्य कामगारों, विशेषकर प्रवासी श्रमिकों पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने-अपने राज्य वापस लौट चुके हैं। कोविड-19 को फैलने से रोकने की चुनौती प्रवासियों और ग्रामीण श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं एवं आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता के कारण और भी अधिक बढ़ गई। ऐसी स्थिति में भारत सरकार ने विभिन्न सेक्टरों में विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की। देश के पिछड़े क्षेत्रों में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं तैयार करने पर विशेष जोर देते हुए रोजगार सृजन के लिए 20 जून, 2020 को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया गया।
उत्तर प्रदेश में लगभग 30 लाख प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घर वापस लौट चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में 25,000 से भी अधिक प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस आ चुके हैं। इनमें 5 आकांक्षी जिले भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने उद्योग और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करते हुए एक अनूठी पहल ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की परिकल्पना की है जिसके तहत भारत सरकार और राज्य सरकार के कार्यक्रमों में सामंजस्य स्थापित किया गया है। यह अभियान रोजगार प्रदान करने, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए औद्योगिक संघों और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर विशेष रूप से केंद्रित है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 जून, 2020 को सुबह 11 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के संबंधित मंत्रालयों के मंत्री भी वर्चुअल लॉन्चिंग में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों के साथ संवाद करेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के गांवों के लोग साझा सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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