आज कल बहुचर्चित मुद्दा योगी मॉडल सोशल मीडिया से लेकर विश्व पटल पर ट्रेंड कर रहा है। उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की गूंज लखनऊ से 12346 किलोमीटर दूर अमेरिकी ह्वाइट हाउस में भी सुनाई पड़ रही है। अब आपके मन में एक सवाल होगा कि योगी मॉडल का अमेरिका से क्या लेना-देना ?, आखिर इस योगी मॉडल से अमेरिका को क्या फायदा ? मगर हकीकत तो यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को योगी मॉडल खूब पसंद आ रहा है। गौरतलब हो कि पिछले साल 2019 में जब देश में नागरिकता कानून बिल पेश हुआ था तक इस नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में दंगाइयों ने खूब हिंसा फैलाई, जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़, गाड़ियों, पुलिस चौकियों व सरकारी सम्पत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया गया था जिससे उत्तर प्रदेश भी अछूता नहीं रहा मगर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने इन दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए एक अनोखी व अद्वितीय पहल की, जिसमें एक नए योगी मॉडल का जन्म हुआ इस योगी मॉडल के अंतर्गत योगी सरकार ने लगभग 100 से ज्यादा स्थानों पर 57 दंगाइयों के पोस्टर लगवाए, जिस पर उन दंगाइयों का नाम, पता , उनसे वसूली जाने वाली रकम (जो इन दंगाइयों ने सरकारी सम्पत्ति का नुकसान किया था ) लिखी हुई थी। अब प्रश्न यह उठता है कि 2019 का योगी मॉडल मुद्दा आज 2020 में कैसे ट्रेंड कर सकता है ? तो बताना चाहूँगा कि अमेरिका में भी योगी मॉडल का अनुकरण करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी व्हाइट हाउस के पास लेफायेट्टे स्क्वायर हुए दंगे के 15 दंगाइयों की तस्वीरें पोस्टर में लगवाया, जिन पर यह आरोप है कि इन दंगाइयों ने व्हाइट हाउस के पास लगी अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन की प्रतिमा को गिराने की कोशिश की है। इस हिंसा का मुख्य कारण अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का होना। जिससे नाराज विरोधियों ने हिंसक प्रदर्शन को अंजाम देते हुए स्थापित प्रतिमा पर चढ़कर उसे रस्सियों बांध खींचकर तोड़ दिया। जिसके मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी योगी मॉडल को अपनाते हुए इन दंगाइयों के विरुद्ध पोस्टर को व्हाइट हाउस के ठीक पास में लगवाया। -रचनाकार – मिथलेश सिंह ‘मिलिंद’