Sunday, November 24, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » इण्टर कालेज की भूमि पर महाविद्यालय चलाने का आरटीआई एक्टीविस्ट ने लगाया आरोप

इण्टर कालेज की भूमि पर महाविद्यालय चलाने का आरटीआई एक्टीविस्ट ने लगाया आरोप

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। शहर की एक इण्टर कालेज की प्रबन्ध समिति द्वारा अपनी ही दूसरी संस्था को फर्जी तरीके से भूमि हस्तानान्तरित किये जाने व उस पर अवैध व अनाधिाकृत तरीके से महाविद्यालय संचालित किये जाने के आरोप लगाकर मामले की शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित अन्य स्तरों पर की गई है। साथ ही कार्यवाही की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर, उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा व शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह को उक्त आरोप लगाते हुये भेजी शिकायत में आरटीआई एक्टीविस्ट व समाजसेवी भीकेन्द्र कुमार वाष्र्णेय निवासी लाढ़पुर ने कहा है कि सार्वजनिक धार्मिक सभा द्वारा वित्त पोषित संस्था सरस्वती इंटर कालेज संचालित है जो कि गांव अहियापुर में है। उक्त संस्था उ.प्र. शासन से इंटरमीडियेट स्तर तक मान्यता प्राप्त एवं अनुदानित शिक्षण संस्था है जो कि उ. प्र. माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के प्रावधानों से संचालित होती है।
शिकायत में आरोप लगाते हुये कहा गया है कि उक्त शिक्षण संस्था की प्रबन्ध समिति/सोसाइटी के तत्कालीन अध्यक्ष, मंत्री, प्रबंधक एवं समिति के अन्य पदाधिकारियों ने आपस में साज व षडयंत्र करके अपने निजी लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से शासन द्वारा मान्यता प्राप्त एवं वित्त पोषित संस्था सरस्वती इण्टर कालेज के स्वामित्व अधिकार एवं अध्ययन की उक्त भूमि याहियापुर को अपनी ही दूसरी संस्था सरस्वती डिग्री कालेज के नाम राजस्व अधिकारी एवं माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों की अनुमति के बिना मात्र एक प्रस्ताव पारित कर अवैध व मनमाने रूप से हस्तानान्तरित कर दिया।
शिकायत में आरोप लगाते हुये कहा गया है कि सार्वजनिक धार्मिक सभा द्वारा तत्कालीन आगरा विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से सांठ-गांठ करके उक्त सरस्वती डिग्री कालेज को सरस्वती इंटर कालेज की भूमि एवं भवन को खुर्द-बुर्द करके डिग्री कालेज की मान्यता प्राप्त करा दी। जबकि महाविद्यालय खोले जाने हेतु जो मानक निर्धारित हैं उसमें स्पष्ट प्रावधान हैं कि महाविद्यालय के पास आवश्यकतानुसार अपना निजी भवन होना अनिवार्य है। जो इण्टर कालेज से पृथक हो।
शिकायत में भीकेन्द्र वाष्र्णेय ने आरोप लगाते हुये कहा है कि आज तक सरस्वती डिग्री कालेज के पास अपनी निजी कोई भूमि नहीं है और न ही राजस्व अभिलेखों में उक्त कालेज के नाम कोई भूमि अंकित है तथा तहसीलदार सदर की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरस्वती डिग्री कालेज के पास अपनी कोई निजी भूमि नहीं है और उक्त महाविद्यालय सरस्वती इंटर कालेज की भूमि व भवन में अवैध रूप से संचालित है जिसके लिये कार्यवाही होना आवश्यक है।
शिकायतकर्ता भीकेन्द्र वाष्र्णेय ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त महाविद्यालय के पास अपनी कोई जमीन व सम्पत्ति नहीं है फिर उक्त महाविद्यालय को किस प्रकार विभागीय मान्यता व वित्तीय सहायता अनुमन्य कर दी गई ? यह एक कूटकरण एवं फर्जीवाड़े का गम्भीर प्रकरण है। जिसमें जान-बूझकर अभिलेखीय कूटकरण करते हुये शासकीय नियमों एवं कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुये घोर अवैधानिक मनमाना व आपराधिक कृत्य किया गया है जिसमें तत्काल प्रभावी कार्यवाही अमल में लाना आवश्यक है। उक्त मामले की शिकायत वह पहले भी शासन-प्रशासन से कर चुके हैं लेकिन ठण्डे बस्ते में डाल दी गई।